चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कृषि विधेयकों (Agricultural bills) को राष्ट्रपति (President) की मंजूरी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक’’ बताते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य के कानूनों में संशोधन समेत सभी विकल्पों को खंगाल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी फैसला करने के पहले सभी किसान संगठनों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कीमतों से समझौता किए बिना किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भविष्य के कदमों के लिए विधि और कृषि विशेषज्ञों के साथ ऐसे सभी लोगों से विचार-विमर्श कर रही है, जो केंद्र के ‘‘नुकसानदेह’’ विधेयकों से प्रभावित होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानूनी उपाय के अलावा उनकी सरकार ‘‘पंजाब के किसानों और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए बनाए गए केंद्र के नए कानूनों’’ को टालने के लिए अन्य विकल्पों को भी खंगाल रही है. यह भी पढ़े | Delhi: उत्तरी दिल्ली में सब-इंस्पेक्टर ने प्रेमिका को मारी गोली, पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया गया.
मुख्यमंत्री सोमवार को शहीद भगत सिंह को उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद खटकर कलां में इन कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों को संसद में अपनी चिंताएं जाहिर करने का अवसर नहीं दिया गया.’’ उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा तीनों विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर निराशा प्रकट की है. सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी उन किसानों के लिए झटका है जो केंद्र के इन कानूनों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं .
उन्होंने कहा कि इन खतरनाक कानूनों को मौजूदा स्वरूप में लागू करने से पंजाब का कृषि क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा .
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