टीम इंडिया के कप्तान Virat Kohli ने खोला बड़ा राज, कहा  2014 इंग्लैंड दौरे के दौरान इस ....
विराट कोहली (Photo Credits: Facebook/Indian Cricket Team

नयी दिल्ली, 19 फरवरी : भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुलासा किया कि 2014 में इंग्लैंड के खराब दौरे के दौरान वह अवसाद से जूझ रहे थे और लगातार असफलताओं के बाद उन्हें लग रहा था कि वह इस दुनिया में अकेले इंसान हैं. इंग्लैंड (England) के पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोल्स के साथ बातचीत में कोहली ने स्वीकार किया कि वह उस दौरे के दौरान अपने करियर के मुश्किल दौर से गुजरे थे. कोहली से जब पूछा गया कि वह कभी अवसादग्रस्त रहे, ‘‘हां, मेरे साथ ऐसा हुआ था. यह सोचकर अच्छा नहीं लगता था कि आप रन नहीं बना पा रहे हो और मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाजों को किसी दौर में ऐसा महसूस होता है कि आपका किसी चीज पर कतई नियंत्रण नहीं है. ’’ कोहली के लिये 2014 का इंग्लैंड दौरा निराशाजनक रहा था. उन्होंने पांच टेस्ट मैचों (Test match)की 10 पारियों में 13.50 की औसत से रन बनाये थे. उनके स्कोर 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रन थे. इसके बाद आस्ट्रेलिया दौर में उन्होंने 692 रन बनाकर शानदार वापसी की थी.

उन्होंने इंग्लैंड दौरे के बारे में कहा, ‘‘आपको पता नहीं होता है कि इससे कैसे पार पाना है. यह वह दौर था जबकि मैं चीजों को बदलने के लिये कुछ नहीं कर सकता था. मुझे ऐसा महसूस होता था कि जैसे कि मैं दुनिया में अकेला इंसान हूं. ’’ कोहली ने याद किया कि उनकी जिंदगी में उनका साथ देने वाले लोग थे लेकिन वह तब भी अकेला महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तब उन्हें पेशेवर मदद की जरूरत थी. उन्होंने कहा, ‘‘निजी तौर पर मेरे लिये वह नया खुलासा था कि आप बड़े समूह का हिस्सा होने के बावजूद अकेला महसूस करते हो. मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे साथ बात करने के लिये कोई नहीं था लेकिन बात करने के लिये कोई पेशेवर नहीं था जो समझ सके कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं. मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ा कारक होता है. मैं इसे बदलते हुए देखना चाहता हूं. ’’यह भी पढ़ें : Ind vs Eng Test 2021: भारतीय टीम में अंतिम 2 टेस्ट के लिए ठाकुर की जगह उमेश होंगे शामिल

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक भारतीय कप्तान का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे किसी खिलाड़ी का करियर बर्बाद हो सकता है. कोहली ने कहा, ‘‘ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसके पास किसी भी समय जाकर आप यह कह सको कि सुनो मैं ऐसा महसूस कर रहा हूं. मुझे नींद नहीं आ रही है. मैं सुबह उठना नहीं चाहता हूं. मुझे खुद पर भरोसा नहीं है. मैं क्या करूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग लंबे समय तक ऐसा महसूस करते हैं. इसमें महीनों लग जाते हैं. ऐसा पूरे क्रिकेट सत्र में बने रह सकता है. लोग इससे उबर नहीं पाते हैं. मैं पूरी ईमानदारी के साथ पेशेवर मदद की जरूरत महसूस करता हूं.’’ कोहली इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिये अभी अहमदाबाद में हैं. दोनों टीमों ने अभी तक एक एक मैच जीता है. तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से खेला जाएगा.