नयी दिल्ली, 23 जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मीडिया दिग्गज राघव बहल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के धन शोधन मामले को निरस्त करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि याचिका ‘समय पूर्व’ है ।
अदालत ने लुक ऑउट सर्कुलर (एलओसी) को चुनौती देने वाली बहल की याचिका को भी खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि अपराध से आय के सृजन के मुद्दे को लेकर जांच की जा रही है।
हालांकि, अदालत ने कहा कि जायज परिस्थितियों में याचिककर्ता की विदेश यात्रा करने की स्वतंत्रता को बाधित नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह की यात्रा की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली याचिका जब भी दायर की जाएगी तब संबंधित अदालत उस पर विचार करेगी।
याचिकाकर्ता के खिलाफ ईडी का मामला आयकर विभाग की ओर से दर्ज शिकायत पर सामने आया। इसमें चिंता जताई गई है कि लंदन में कथित रूप से एक अज्ञात संपत्ति खरीदने के लिए धन शोधन किया गया।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा, ‘‘मेरे विचार से याचिका अपने आप में समय पूर्व है। यहां कर चोरी से संबंधित शिकायत में आरोप लगाए गए हैं। आरोपों पर अभी सुनवाई होनी है। यहां अपराध से आय का सृजन हुआ या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। उक्त कारणों से ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) को रद्द करके राहत देने की याचिका समय पूर्व है और इसे खारिज किया जाता है। ’’
अपनी याचिका में राघव बहल ने दावा किया था कि चूंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, इसलिए धन शोधन निवारण कानून (2002) के तहत जांच प्रक्रिया जारी रहने से उनके जीवन, कारोबार और प्रतिष्ठा पर नुकसानदेह प्रभाव पड़ रहा है।
तीन दिसंबर, 2021 को उच्च न्यायालय ने बहल के खिलाफ धन शोधन मामला निरस्त करने की उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था, लेकिन कठोर कार्रवाई नहीं करने की अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
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