जम्मू, 28 अगस्त कोरोना वायरस के कारण लगे प्रतिबंधों के बीच मध्य कश्मीर हिमालय में ऊंचाई पर स्थित हरमुख गंगबल झील की वार्षिक यात्रा संपन्न हो गयी। कश्मीरी पंडित इसे भगवान शिव का निवास मानते हैं।
हरमुख गंगबल गंगा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष के सी भारती ने कहा कि यात्रा 24 अगस्त को शुरू हुई थी और टीम के सदस्यों को हरमुख गंगबल झील तक चढ़ाई कर जाना था। इस साल कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा के आकार को भी कम कर दिया गया था।
ट्रस्ट के दल के सदस्यों ने हरमुख गंगबल झील में यज्ञ किया। यह झील हरमुख पर्वत श्रृंखला में समुद्र तल से लगभग 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
उन्होंने कहा, "झील को हरमुख गंगा के नाम से भी जाना जाता है। हरमुख पर्वत को कश्मीर का कैलाश भी कहा जाता है। टीम के सदस्य आज जम्मू लौट आए।’’
यात्रा दल में शामिल राजीव पंडित ने कहा कि यह 24 अगस्त से शुरू हुयी और 28 अगस्त को समाप्त हुयी। यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई। यह यात्रा 200 साल बाद जून 2009 में फिर से शुरू हुयी थी।
पिछले साल 450 से अधिक लोगों ने तीर्थयात्रा की थी, लेकिन इस बार महामारी के कारण केवल 12 तीर्थयात्रियों को ही अनुमति दी गई थी।
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