Maratha Reservation: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से मांग की कि वह 54 लाख मराठों को दो दिनों के भीतर कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करे. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो वह मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक और अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने के लिए 20 जनवरी को मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में अपने गांव अंतरवाली सराटी को छोड़कर मुंबई के लिए रवाना हो जाएंगे. जरांगे ने कहा कि मराठा जाति के सदस्यों को कृषक कुनबी समुदाय से संबंधित दिखाने वाले अब तक 54 लाख रिकॉर्ड पाए गए हैं और इन सभी व्यक्तियों (या उनके वंशजों) को तुरंत कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए. कुनबियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण का लाभ मिलता है.
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) मंगेश चिवटे से कहा, ‘‘नहीं तो मैं 20 जनवरी को मुंबई में अनिश्चितकालीन अनशन करने के लिए निकलूंगा.कडु और चिवटे ने जरांगे को आश्वासन दिया कि सरकार बुधवार दोपहर तक वंश और करीबी रिश्तेदारों के प्रमाण के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करने के बारे में आवश्यक अध्यादेश जारी करेगी. यह भी पढ़े: Maratha Reservation: जरांगे की चेतावनी! मराठा आरक्षण के लिए सरकार के पास 24 दिसंबर तक का वक्त, 80 फीसदी लड़ाई जीती
जरांगे के साथ सार्वजनिक रूप से बातचीत के दौरान कडु ने कहा कि 17 और 18 जनवरी को राज्य भर में शिविर आयोजित किए जाएंगे और जो लोग वैध दस्तावेज पेश करेंगे, वे कुनबी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे.
इससे पहले दिन में कडू ने छत्रपति संभाजीनगर में संवाददाताओं से कहा कि पिछले दो-तीन महीनों में मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में दो करोड़ से अधिक दस्तावेजों की जांच के बाद प्रशासन द्वारा 14,148 कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए.
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