नयी दिल्ली, 15 दिसंबर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार हमेशा चिकित्सकों के साथ खड़ी रहेगी और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कानून लाने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने ‘दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन’ के वार्षिक सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि चिकित्सक न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के तौर पर बल्कि विश्वास और भावनात्मक समर्थन के स्रोत के रूप में भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा, “कभी-कभी हम चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बारे में सुनते हैं। अगर दिल्ली में ऐसी जरूरत पड़ती है तो सरकार इन समस्याओं को दूर करने के लिए ‘डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट’ लाएगी।”
आतिशी ने सरकार के समावेशी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए नीतियों में हमेशा सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के चिकित्सकों को शामिल किया गया है।
उन्होंने याद किया कि कैसे दिल्ली सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान दोनों क्षेत्रों के चिकित्सकों, नर्सों और ब्लड बैंक कर्मचारियों को कोविड योद्धाओं के रूप में मान्यता देते हुए एक करोड़ रुपये का मानदेय दिया।
आतिशी ने कहा, “चिकित्सक न केवल उपचार प्रदान करते हैं बल्कि चुनौतीपूर्ण समय के दौरान परिवारों को भावनात्मक समर्थन भी देते हैं। वे समाज के लिए विश्वास और आस्था का स्रोत हैं तथा सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी।”
मुख्यमंत्री ने ‘दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन’ को चिकित्सकों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने कहा, “हम नीति निर्माण में सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को शामिल करते हैं। एक चिकित्सक एक चिकित्सक है और स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करने वाले निर्णयों में उनकी आवाज को शामिल किया जाना चाहिए।”
आतिशी ने चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा, “अस्पतालों में अपमान या हिंसा के मामले अस्वीकार्य हैं। सरकार सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर अपना स्वयं का ‘डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट’ लाना भी शामिल है।”
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