तिरुवनंतपुरम, 10 अक्टूबर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राज्य में एक हवाई अड्डे के माध्यम से बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बयान के संबंध में राष्ट्रपति को पत्र भेजने के लिए जानकारी जुटा रहे हैं।
खान ने आरोप लगाया कि सोने की तस्करी राष्ट्र के खिलाफ अपराध है और मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रही ऐसी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा।
राज्यपाल ने कहा, “यह कोई रोजमर्रा का मुद्दा नहीं है। मुख्यमंत्री ने मुझे कभी भी इस बारे में नहीं बताया। विजयन ने खुद कहा था कि सोने की तस्करी राष्ट्र के खिलाफ अपराध है, लेकिन उन्होंने इस मामले की जानकारी मुझे नहीं दी।”
उन्होंने कहा, “मेरे पत्र लिखने के बाद ही मुख्यमंत्री ने स्पष्टीकरण दिया और कहा कि सोने की तस्करी का मामला सीमा शुल्क देख रहा है और मुझे इस संबंध में केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए। उन्होंने मुझे यह बात पहले कभी नहीं बताई।”
खान ने कहा, “अगर मुख्यमंत्री बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी के बारे में सभी विवरण देते हैं, जो निश्चित रूप से केरल ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध है, तो क्या यह मेरा कर्तव्य नहीं है कि मैं इस मामले की सूचना माननीय राष्ट्रपति को दूं? मैं इस मामले की जानकारी देने के लिए बाध्य हूं, क्योंकि सरकार ने मुझे इस बारे में पूरी तरह से अंधेरे में रखा।”
मलप्पुरम जिले के करीपुर हवाई अड्डे के माध्यम से सोने की तस्करी के संबंध में विजयन के बयान को लेकर राज्यपाल ने कहा, “मैं अभी भी कुछ और जानकारी जुटा रहा हूं। मैं खुद से कुछ भी नहीं लिखने जा रहा हूं। मैं केवल वही कह रहा हूं, जो मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था।”
खान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विजयन ने एक दिन पहले कहा था कि सोने की तस्करी रोकने का जिम्मा राज्य सरकार का नहीं बल्कि सीमा शुल्क विभाग का है, जो केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन काम करता है।
राज्यपाल को संबोधित पत्र में मुख्यमंत्री ने उनसे यह मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठाने का आग्रह किया था।
विजयन ने यह पत्र खान की चिट्ठी के जवाब में लिखा था। खान ने अपनी चिट्ठी में मुख्यमंत्री पर राज्य में सोने की तस्करी से जुड़े समूहों द्वारा वित्त पोषित कथित राष्ट्र-विरोधी और राज्य-विरोधी गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के उनके अनुरोध के संबंध में “चुप्पी साधने, निष्क्रियता बरतने और अत्यधिक देरी करने” का आरोप लगाया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य से जुड़े मामलों की जानकारी राज्यपाल को देना मुख्यमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है, खान ने कहा कि यह रोजमर्रा का मुद्दा नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्हें ऐसी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित नहीं किया जाना चाहिए।
खान ने कहा कि राज्य सरकार राज्यपाल को ऐसे मामलों की जानकारी देने के लिए बाध्य है। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तलब किया, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें भेजने से इनकार कर दिया।
खान ने कहा कि वह पूरी तरह से संविधान के अनुसार काम कर रहे हैं, जबकि सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है।
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