डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद आकर्षण गंवा रहा है सोना, चार दिन में चार प्रतिशत टूटा
Gold Price

चुनाव के दिन से लेकर अब तक चार दिन में सोने की कीमत में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जबकि व्यापक अमेरिकी शेयर बाजार में लगभग चार प्रतिशत की तेजी आई थी. ऐसा तब है जब निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि व्हाइट हाउस कर दरों को कम करेगा और शुल्क बढ़ाएगा. ऐसा संयोजन अमेरिकी सरकार के कर्ज और मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है. ये दोनों ही चीजें सोने की कीमत में मदद कर सकती हैं. सोमवार देर रात तक सोने की कीमत 2,618 डॉलर प्रति औंस पर थी, जो पिछले महीने के आखिर में लगभग 2,800 डॉलर के रिकॉर्ड से कम है. इसका मतलब यह भी है कि सोने ने साल के सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले निवेश के रूप में अपनी चमक खो दी है. सोने की कीमत पर नज़र रखने वाले सबसे बड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड ने वर्ष 2024 के लिए अपने लाभ को कुछ सप्ताह पहले के लगभग 35 प्रतिशत से घटकर 27 प्रतिशत से नीचे आते देखा है.

क्या हो रहा है? गिरावट का एक हिस्सा अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के साथ मेल खाता है. अमेरिका द्वारा शुरू किए गए शुल्क और व्यापार युद्ध, यूरो और अन्य देशों की मुद्राओं के मूल्य को नीचे धकेल सकते हैं, और एक मजबूत अमेरिकी डॉलर उन अन्य मुद्राओं का उपयोग करने वाले खरीदारों के लिए सोना खरीदना अधिक महंगा बनाता है. कम करों और उच्च शुल्क के लिए ट्रंप की प्राथमिकता भी वॉल स्ट्रीट को इस बात की उम्मीदों को कम करने के लिए मजबूर कर रही है कि फेडरल रिजर्व अगले साल ब्याज दरों में कितनी कटौती करेगा. कम दर कटौती का मतलब होगा कि सरकारी बॉन्ड पहले की अपेक्षा अधिक ब्याज देगा, और यह बदले में सोने की कीमत को नुकसान पहुंचा सकता है. यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: जीतू पटवारी ने भाजपा पर लगाया लोकतंत्र की हत्या का आरोप

बेशक, दुनिया भर में अस्थिरता के दौरान सोना अब भी निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है. चाहे वह युद्ध या राजनीतिक संघर्ष के कारण हो, निवेशक अक्सर सोने की ओर आकर्षित होते हैं. ऐसा तब होता है जब वे अन्य निवेश के बारे में आश्वस्त नहीं होते हैं. पश्चिम एशिया, यूक्रेन और अन्य जगहों पर युद्ध अब भी जारी है, जबकि राजनीतिक तनाव भी पहले की तरह ही उच्चस्तर पर है, ऐसे में सोना संभवतः कई निवेशकों के पोर्टफोलियो में बना रहेगा. बड़े संस्थागत निवेशकों के लिए निवेश को संभालने वाली कंपनी रोबेको के कोष प्रबंधकों के अनुसार, ‘‘सोना निवेशकों और केंद्रीय बैंकों दोनों के लिए पसंदीदा सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है.’’