जर्मनी ने डब्ल्यूएचओ को वित्तीय अनुदान रोकने के ट्रंप के फैसले की आलोचना की

ट्रंप ने एक दिन पहले ही डब्ल्यूएचओ पर कोरोना वायरस संकट से उचित तरीके से नहीं निपटने का आरोप लगाया था।

जर्मनी के विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘दूसरों को जिम्मेदार ठहराने से कुछ नहीं मिलेगा। यह (कोरोना) वायरस किसी सीमा के अंदर तक सीमित नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘...बेहतर होगा कि संयुक्त राष्ट्र को मजबूत किया जाए तथा इससे भी पहले, जांच एवं टीकों के विकास और वितरण में डब्ल्यूएचओ की मदद की जाए।’’

अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सबसे अधिक वित्त प्रदान करता है। उसने पिछले साल वैश्विक स्वास्थ्य निकाय को 40 करोड़ डॉलर दिये थे।

ट्रंप के इस कदम की दुनिया भर ने आलोचना की है, जिसमें जर्मनी भी बुधवार को शामिल हो गया। मास ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न देशों को कोविड-19 के खिलाफ एकजुटता से काम करने की जरूरत है।

मास ने इससे पहले वायरस संकट को लेकर ट्रंप प्रशासन को निशाना बनाया था।

उन्होंने पिछले हफ्ते ‘देर स्पेजेल’ पत्रिका को दिये साक्षात्कार में कहा था कि अमेरिका ने लंबे समय तक इस वायरस को तवज्जो नहीं दी और देश में कई अहम कदम बहुत देर से उठाये गये।

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