केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कोविड-19 प्रबंधन में की अव्यवस्था की शिकायत
योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: Facebook)

बरेली (उत्तर प्रदेश), 9 मई : केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार (Santosh Gangwar) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की अस्पतालों में भर्ती को लेकर व्याप्त अव्यवस्था और अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाये जाने की शिकायत की है. गंगवार ने शनिवार को बरेली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में कहा "ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि रेफर किए जाने के बाद भी मरीज जब सरकारी अस्पताल में जाता है, तो उससे कहा जाता है कि जिला अस्पताल से दोबारा रेफर करवाकर लाएं. इससे मरीज की हालत और बिगड़ती जाती है. यह चिंता का विषय है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि संक्रमित मरीज को कम से कम समय में रेफरल अस्पतालों में तुरंत भर्ती किया जाए."

केंद्रीय मंत्री ने मल्टी पैरा मॉनिटर, बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर तथा अन्य जरूरी उपकरणों को बाजार में डेढ़ गुना दाम पर बेचे जाने की भी शिकायत करते हुए अनुरोध किया कि सरकार इन चीजों का दाम निर्धारित करे. उन्होंने बरेली में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाये जाने की भी शिकायत की और कहा कि इससे मरीजों को काफी असुविधा हो रही है. गंगवार ने पत्र में आग्रह किया कि ऐसे इंतजाम किए जाएं कि बरेली में संक्रमित मरीजों को किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और उन निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पतालों को मिलने वाली सुविधा भी दी जाए. उन्होंने पत्र में कहा कि बरेली में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी है. यह भी पढ़ें : PM मोदी ने सीएम तीरथ सिंह रावत से की बात, उत्तराखंड में कोविड-19 संबंधी स्थिति की ली जानकारी

गंगवार ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि शहर के बहुत से लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घरों में एहतियात के तौर पर रख लिए हैं और वे इन्हें मनमाने दाम पर बेच भी रहे हैं. उन्होंने आग्रह किया कि प्रशासन ऐसे लोगों को चिह्नित करे और उनके खिलाफ कार्रवाई करे ताकि जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचाया जा सके. केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी से आग्रह किया कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर बरेली में भी कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को 50% छूट देने के साथ जल्द से जल्द ऑक्सीजन संयंत्र मुहैया कराया जाए ताकि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली परेशानी से जल्द से जल्द निपटा जा सके.