नयी दिल्ली, 17 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को मुंबई में वीडियोकॉन समूह के प्रमोटरों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली. यह तलाशी ईडी ने मोजाम्बिक में व्यापारिक घराने की तेल और गैस संपत्तियों के वित्तपोषण के संबंध में बैंक ऋण के पैसे के कथित रूप से गबन से जुड़ी धनशोधन मामले की जांच के तहत ली गयी है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि तलाशी समूह और उसके प्रमोटरों के कई परिसरों में ली जा रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी का आपराधिक मामला पिछले साल सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है. सीबीआई ने पेट्रोलियम और तेल मंत्रालय की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी. ईडी ने धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया.
सूत्रों ने बताया कि मामला बैंक कर्ज से हासिल पैसे को बाहर भेजने से संबंधित है और एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या धन शोधन हुआ है. सीबीआई की शिकायत में कहा गया है कि 2008 में, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) की सहायक कंपनी वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन होल्डिंग लिमिटेड (वीएचएचएल) ने अमेरिका स्थित एनाडार्को से मोजाम्बिक में रोवुमा एरिया 1 ब्लॉक में तेल और गैस ब्लॉक में 10 प्रतिशत हिस्से का अधिग्रहण किया था. यह भी पढ़ें : ओडिशा में 641 करोड़ रुपये के नकली GST चालान का पदार्फाश, 2 गिरफ्तार
ईडी पिछले कुछ वर्षों से वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच कर रही है और उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया गया है. कोचर, धूत और उनकी व्यावसायिक संस्थाओं के खिलाफ मामला वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 1,875 करोड़ रुपये के ऋण की कथित अवैध मंजूरी से संबंधित है