देहरादून, 20 जुलाई : उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी वर्षा से हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों से 24 घंटे सतर्क रहने को कहा . प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि व आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी का केदारनाथ व रुद्रप्रयाग का भ्रमण कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है, उन्होंने शीर्ष अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा की . समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारियों को हमेशा सतर्क मोड में रहने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हों. बाद में धामी ने संवाददाताओं को बताया कि जिलाधिकारियों से कहा गया है कि चाहे रात के 12 बजे हों या दो, हमेशा सतर्क रहें .
उन्होंने कहा कि कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए और जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन-प्रशासन को उनकी चिंता है. धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो और किसी तरह की संवादहीनता नहीं होनी चाहिए . इसके अलावा, उन्होंने समय-समय पर मॉक ड्रिल करने की भी जरूरत बताई . उन्होंने आपदा राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने पर भी जोर दिया ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके. यह भी पढ़ें : Karnataka: ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण प्रदान करने वाला पहला राज्य बना कर्नाटक
उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र में रविवार देर शाम बादल फटने से मांडौ गांव में एक बालिका समेत तीन महिलाओं की मृत्यु हो गयी थी जबकि कंकराडी गांव में 25 वर्षीय युवक लापता हो गया था जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है .एनडीआरएफ व आपदा प्रबंधन की टीम तलाश अभियान में जुटी हुई है . इस बीच, मांडौ गांव में बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को चार लाख रूपए मुआवजे के तौर पर दे दिए गए हैं . उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इसके अलावा बादल फटने से प्रभावित हुए सभी 49 परिवारों को मुआवजे के तौर पर 3800-3800 रूपये दिए गए हैं .