देश की खबरें | दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना पहचान प्रमाण के एचआईवी संक्रमित ‘ट्रांसवुमन’ का इलाज करने का आदेश दिया

नयी दिल्ली, एक जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के लोकनायक अस्पताल को निर्देश दिया कि वह पहचान प्रमाण मांगे बिना एचआईवी संक्रमित एक ‘ट्रांसवुमन’ का इलाज करे।

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने ‘ट्रांसवुमन’ की याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया तथा उसके पुनर्वास और आश्रय के लिए निर्देश जारी किए।

अदालत ने 24 दिसंबर को कहा, ‘‘नोटिस जारी करें... इस आदेश के माध्यम से प्रतिवादी संख्या 4 (लोक नायक अस्पताल, नयी दिल्ली) को याचिकाकर्ता की जांच करने का निर्देश जारी किया जाता है और यदि उसे किसी उपचार की आवश्यकता हो, तो यह उसे पहचान दस्तावेजों की परवाह किए बगैर उपलब्ध कराया जाए।’’

याचिकाकर्ता ने कहा कि जब वह नाबालिग थी तो एक मानव तस्कर ने उसका अपहरण कर लिया था और उसका यौन शोषण किया था तथा लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए भर्ती होने का सुझाव दिया था।

अदालत ने केंद्र सरकार को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या उसके पुनर्वास के लिए उसे कोई कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है। इसने संबंधित अधिकारियों से उसकी स्वास्थ्य स्थिति और दिल्ली में गिरते तापमान को ध्यान में रखते हुए उसके लिए उपयुक्त आश्रय खोजने को कहा।

याचिकाकर्ता ने आश्रय के लिए कई गैर सरकारी संगठनों से संपर्क किया था लेकिन कोई आधिकारिक पहचान प्रमाण नहीं होने के कारण उसे आश्रय नहीं मिल सका।

अदालत इस मामले पर 9 जनवरी को सुनवाई करेगी।

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