प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने अर्णब की याचिका पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये विधान सभा सचिव को नोटिस जारी किया। विधान सभा सचिव को एक सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है।
अर्णब गोस्वामी द्वारा सुशांत सिंह राजपूत मामले पर अपने कार्यक्रम में बहस के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में की गयी कुछ टिप्पणियों को लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि गोस्वामी ने विधान सभा की किसी समिति या विधान सभा की कार्यवाही में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया है।
साल्वे ने कहा, ‘‘यह सिर्फ विशेषाधिकार हनन का नोटिस है। कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया गया।’’
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पीठ ने साल्वे से सवाल किया, ‘‘ऐसा कहां है कि विशेषाधिकार समिति ने मंत्रणा करके निर्णय लिया है। ’’ पीठ ने कहा, ‘‘आपकी दलील है कि किसी बाहरी को तलब नहीं किया जा सकता है।’’
साल्वे ने कहा कि मानहानि की शिकायत दायर की जा सकती है और इसमें तो सदन की कार्यवाही में कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ है।’’
साल्वे की दलील थी कि किसी बाहरी व्यक्ति के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने के लिये सदन की समिति या सदन के कामकाज में हस्तक्षेप होना चाहिए था।
पीठ ने सालवे से कहा, ‘‘हमें अभी भी संदेह है कि क्या यह मामला सदन की विशेषाधिकार समिति के पास गया भी है। हम नोटिस जारी करेंगे।’’ इस पर साल्वे ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करूं कि मैं पूरी तरह सुरक्षित हूं।’’
उन्होंने कहा कि अगर कुछ होता है तो गोस्वामी फिर अदालत ही आयेंगे।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने फ्लैट में छत से लटके मिले थे। उनकी मौत के मामले की इस समय सीबीआई जांच कर रही है।
अनूप
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