देश की खबरें | सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका पर अदालत ने गुजरात सरकार से जवाब मांगा

अहमदाबाद, छह जुलाई गुजरात में यहां एक सत्र अदालत ने बुधवार को कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। सीतलवाड़ और अन्य दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों को 2002 के सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में बेगुनाह लोगों को फंसाने की साजिश रचने के आरोप में हाल में अहमदाबाद अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था।

सीतलवाड़ की नियमित ज़मानत की याचिका को स्वीकार करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीडी ठक्कर ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा और मामले की आगे की सुनवाई आठ जुलाई को मुकर्रर कर दी।

न्यायाधीश ने मामले में दूसरे आरोपी तथा गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार की नियमित ज़मानत पर सुनवाई करते हुए भी राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। श्रीकुमार ने मंगलवार को ज़मानत के लिए अर्ज़ी दायर की थी। अदालत उनके मामले की सुनवाई भी आठ जुलाई को करेगी।

अपनी-अपनी ज़मानत अर्ज़ियों में सीतलवाड़ एवं श्रीकुमार ने दावा किया है कि भारतीय दंड संहिता की जिन धाराओं में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनके तहत उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

दो जुलाई को दोनों की पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद एक मजिस्ट्रेट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने 24 जून को 2002 के दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई विशेष जांच दल (एसआईटी) की क्लीन चिट को बरकरार रखा था। इसके एक बाद यानी 25 जून को शहर की अपराध शाखा ने गांधीनगर से श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया था।

सीतलवाड़ को मामले के संबंध में उसी दिन मुंबई से हिरासत में लिया गया था और अगले दिन अहमदाबाद अपराध शाखा ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट भी आरोपी हैं। वह हिरासत में मौत होने के एक मामले में बनासकंठा जिले की पालनपुर जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।

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