देश की खबरें | न्यायालय ने निश्चित समय सीमा के भीतर मामलों के निस्तारण का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने देश की सभी अदालतों में लंबित मामलों का निस्तारण एक निश्चित समय सीमा के भीतर करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह अमेरिका की शीर्ष अदालत नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि याचिका में उच्चतम न्यायालय सहित सभी अदालतों में 12 से 36 महीने के बीच सभी मामलों का निस्तारण करने का अनुरोध किया गया है।

अन्य देशों में मामलों के निस्तारण के लिए एक निश्चित समय-सीमा होने को याचिकाकर्ता द्वारा रेखांकित किये जाने के बाद पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘हम अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट नहीं हैं।’’

पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा, ‘‘आप चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय में सभी मामलों की सुनवाई 12 महीने के भीतर पूरी कर दी जाए?’’

इसके बाद, प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि हालांकि, यह ‘‘बहुत वांछनीय’’ है, लेकिन यह ‘‘असंभव’’ है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कवायद के लिए कई चीजों की आवश्यकता है, जिसमें बुनियादी ढांचा बढ़ाना और न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि करना शामिल है।

पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उन्हें अमेरिका या कुछ अन्य देशों में एक साल में वहां के उच्चतम न्यायालयों द्वारा निस्तारण किये जाने वाले मामलों की संख्या के बारे में पता है।

न्यायालय ने कहा कि (भारत की) शीर्ष अदालत में एक दिन में विभिन्न पीठों द्वारा निस्तारित किये जाने वाले मामलों की संख्या कई पश्चिमी देशों में उच्चतम न्यायालय द्वारा एक साल में निस्तारित किये जाने वाले मामलों से अधिक है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)