देश की खबरें | न्यायालय ने भाजपा नेता अन्नामलाई के खिलाफ घृणा भाषण मामले में सुनवाई पर रोक बढ़ायी

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2022 में एक यूट्यूब चैनल के साथ साक्षात्कार में ईसाइयों के खिलाफ नफरती भाषण देने के आरोप में भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले की सुनवाई पर लगायी गयी रोक सोमवार को बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शिकायतकर्ता को छह सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘अंतरिम आदेश जारी रहेगा। नौ सितंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में मामले को पुन: सूचीबद्ध करें।’’

सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने कहा कि यह एक निजी शिकायत है और मामले में राज्य को पक्षकार नहीं बनाया गया है।

शिकायतकर्ता वी. पीयूष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि यह एक निजी शिकायत है और उन्होंने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए थोड़ा समय मांगा।

शीर्ष न्यायालय ने अन्नामलाई के खिलाफ आपराधिक मामले की सुनवाई पर 26 फरवरी को रोक लगा दी थी।

साक्षात्कार में दिये बयानों के मूल पाठ पर गौर करने के बाद पीठ ने कहा था, ‘‘प्रथम दृष्टया, कोई नफरती भाषण नहीं दिया गया। इसलिए कोई मामला नहीं बनता है।’’

हालांकि, पीठ ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था, जिन्होंने अन्नामलाई पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2022 में दिवाली से दो दिन पहले, पटाखे जलाने के सिलसिले में नफरत फैलाने वाले बयान दिये थे।

अन्नामलाई ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसमें उसने मामले में भाजपा नेता को जारी समन रद्द करने से इनकार कर दिया था।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि अन्नामलाई ने एक यूट्यूब चैनल को साक्षात्कार दिया था जिसकी कुल अवधि करीब 45 मिनट थी और इसका साढ़े छह मिनट का अंश 22 अक्टूबर 2022 को भाजपा के ‘एक्स’ (पूर्ववर्ती ट्विटर) हैंडल पर साझा किया गया था।

इसमें यह कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तपोषित एक ईसाई मिशनरी गैर-सरकारी संगठन हिंदुओं को पटाखे जलाने से रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में मामले दायर कर हिंदू संस्कृति को कथित तौर पर नष्ट करने में शामिल है।

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