नयी दिल्ली, 16 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) से संबंधित तीन विशेष बख्तरबंद डीजल वाहनों की पंजीकरण अवधि पांच वर्ष के लिए बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ एसपीजी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एक दशक से अधिक पुराने उसके वाहनों के पंजीकरण की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया गया था।
हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा वाहनों के महत्व का हवाला देते हुए पंजीकरण अवधि में विस्तार का अनुरोध किए जाने पर शीर्ष अदालत की पीठ ने एसपीजी को छूट दे दी।
मेहता ने कहा कि ऐसे वाहन एसपीजी के तकनीकी लॉजिस्टिक्स का आवश्यक एवं अभिन्न अंग हैं।
एनजीटी ने 22 मार्च को यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया था कि ऐसे डीजल वाहनों को 10 वर्ष पूरे होने पर एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में चलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
एनजीटी ने कहा, ‘‘हम इस तथ्य से अवगत हैं कि ये तीन वाहन विशेष प्रयोजन वाहन हैं, जो सामान्य रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं और ये वाहन पिछले 10 वर्षों में बहुत कम चले हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट उद्देश्य के लिए ये वाहन आवश्यक हैं, लेकिन 29 अक्टूबर, 2018 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर एमए (विविध आवेदन) में की गई प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’’
शीर्ष अदालत ने 29 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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