पटना: विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस (Congress) ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए घटक दलों को कमजोर करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा विधानसभा की दो सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान के उपचुनाव के लिए एकतरफा तरीके से अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘कोई आसमान तो नहीं गिर रहा था। क्या इन दोनों सीटों को जीतकर या फिर बिना हमारी पार्टी के विधायकों के समर्थन के वे प्रदेश में सरकार बना लेंगे?’’ यह भी पढ़े: Manoj Jha on Ghulam Nabi Azad’s Statement: कांग्रेस में घमासान को लेकर बयानबाजी जारी, गुलाम नबी आजाद के बयान पर आरजेडी नेता मनोज झा बोले-एक प्लेटफॉर्म बनाइए और बात कीजिए
दास ने राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘हो सकता है कि वह किसी बडे़ दल के साथ गठबंधन करना चाहते हों। हम तो साथ छोडना नहीं चाहते फिर आप क्यों छोड रहे हैं। हम तो हमेशा आपका आदर और सम्मान करते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस महागठबंधन से अलग हो गयी है, दास ने कहा, ‘‘अभी हम अलग नहीं हुए हैं। अभी भी समय है। महागठबंधन अगर कांग्रेस की राष्ट्रीय विचाधारा के साथ है तो हम साथ हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन नहीं करने के महागठबंधन के अन्य घटक दलों के आरोप पर दास ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे में कांग्रेस को 26 सीटें ऐसी मिली थीं जहां हम पहले कभी लडे़ नहीं थे और उन सीटों पर राजद को लडना चाहिए था। हमें जीतने वाली सीट नहीं मिली थी.
विधानसभा चुनाव में राजद के नेतृत्व वाले पांच दलों के महागठबंधन में कांग्रेस और तीन वाम दल शामिल थे। महागठबंधन बहुमत से लगभग 15 सीटें कम ला पाया था, राजद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि वाम दलों ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि, कांग्रेस कमजोर कड़ी के रूप में सामने आई थी क्योंकि वह विधानसभा की 243 सीटों में से 70 पर चुनाव लड़ने के बावजूद 20 से कम सीटें जीत सकी.
हाल में कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से पार्टी के राजद के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता कन्हैया को लालू प्रसाद के छोटे बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी के संभावित प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है.
दास ने इस उपचुनाव में दोनों सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत का दावा किया है पर कन्हैया के कांग्रेस में शामिल हो जाने से महागठबंधन में शामिल वामदल इस उपचुनाव में राजद के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.
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