नयी दिल्ली, 21 नवंबर सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस्पात सहित गैर-विनियमित क्षेत्र को उनकी सामान्य जरूरत से अधिक कोयले की आपूर्ति करेगी। यह निर्णय 13 नवंबर को लिया गया।
कोल इंडिया का घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
सीआईएल ने दीर्घकालिक आपूर्ति नीलामी में गैर-विनियमित क्षेत्र (एनआरएस) के ग्राहकों को वार्षिक अनुबंधित मात्रा (एसीक्यू) से अधिक कोयला आपूर्ति की अनुमति देने के नीतिगत प्रावधान में बदलाव किया है।
इससे पहले गैर विनियमित क्षेत्र को आपूर्ति नीलामी में उनकी सामान्य जरूरत तक आपूर्ति की अनुमति थी।
अभी तक कोयले की जरूरत का आकलन इस आधार पर किया जाता है कि पूरे साल के दौरान कोई संयंत्र अपनी स्थापित क्षमता के 85 प्रतिशत पर परिचालन करता है, तो उसे कितने कोयले की जरूरत होगी।
इसमें 85 प्रतिशत से अधिक एसीक्यू मांगने वाले किसी भी ग्राहक को कोयला खरीदने के लिए नीलामी प्रक्रिया से हटकर इसकी खरीद करनी पड़ती थी।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बयान में कहा, एसीक्यू सीमा से अधिक आपूर्ति सक्षम करने से क्षेत्र को अपनी जरूरत के अनुसार कोयला खरीदने में मदद मिलेगी। आठवीं किस्त की नीलामी सीमेंट और खुद के इस्तेमाल के बिजली संयंत्र उप-क्षेत्रों से शुरू होगी।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने अपने उपभोक्ताओं के लिए कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हाल ही में कई ग्राहक-अनुकूल पहल शुरू की हैं और यह ऐसा ही एक कदम है।’’
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