विदेश की खबरें | अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने नेतन्याहू, हमास अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वारंट में उन पर गाजा में युद्ध और अक्टूबर 2023 के हमलों को लेकर युद्ध अपराध व मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है।

अक्टूबर 2023 में इजराइल पर हमले के बाद फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल ने हमले शुरू किये थे, जिसके बाद हमास के कई अधिकारी मारे गए हैं।

आईसीसी के इस निर्णय से नेतन्याहू और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित संदिग्ध बन गए हैं तथा इससे उनके अलग-थलग पड़ने एवं 13 महीने से जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम पर बातचीत करने के प्रयासों में जटिलता आने की आशंका है।

हालांकि, इसके व्यावहारिक प्रभाव सीमित हो सकते हैं क्योंकि इजराइल और उसका प्रमुख सहयोगी अमेरिका, आईसीसी के सदस्य नहीं हैं।

नेतन्याहू और अन्य इजराइली नेताओं ने आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान के वारंट के अनुरोध की निंदा करते हुए इसे अपमानजनक और यहूदी विरोधी बताया है।

नेतन्याहू ने अपने खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के गिरफ्तारी वारंट की निंदा करते हुए कहा कि इजराइल ‘‘बेतुकी और झूठी कार्यवाही को अस्वीकार करता है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘इजराइल द्वारा गाजा में छेड़े गए युद्ध से अधिक न्यायपूर्ण कुछ भी नहीं है।’’

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अभियोजक की निंदा की और हमास के खिलाफ खुद का बचाव करने के इजराइल के अधिकार का समर्थन किया।

तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से नेतन्याहू और इजराइल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ वारंट जारी करने का निर्णय लिखा।

फैसले में कहा गया है, ‘‘अदालत के अनुसार मानने के लिए उचित आधार हैं कि दोनों व्यक्तियों ने जानबूझकर गाजा में आम लोगों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक वस्तुओं से वंचित किया, जिसमें भोजन, पानी, और दवा और चिकित्सा आपूर्ति, साथ ही ईंधन और बिजली शामिल हैं।’’

अदालत ने हमास के नेताओं में से एक मोहम्मद दीफ की गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया।

आईसीसी के मुख्य अभियोजक ने हमास के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं, याह्या सिनवार और इस्माइल हानिया के लिए भी वारंट जारी करने का अनुरोध किया था, लेकिन वे दोनों संघर्ष में मारे गए।

वारंट के बावजूद, किसी भी संदिग्ध को निकट भविष्य में हेग में न्यायाधीशों के सामने पेश होने की संभावना नहीं है। न्यायालय के पास वारंट पर अमल कराने के लिए कोई पुलिस नहीं है, बल्कि वह अपने सदस्य देशों के सहयोग पर निर्भर है।

गिरफ्तारी के खतरे के कारण नेतन्याहू और गैलेंट के लिए विदेश यात्रा करना कठिन हो सकता है। हालांकि, यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए आईसीसी वारंट में वांछित रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में मंगोलिया की यात्रा की, जो न्यायालय के सदस्य देशों में से एक है, हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

खान ने मई में नेतन्याहू और गैलेंट पर हत्या, नागरिकों पर जानबूझकर हमला करने और उत्पीड़न जैसे अपराधों का आरोप लगाते हुए वारंट का अनुरोध किया था।

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