अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर किया समझौतों का उल्लंघन, जानें विदेश मंत्री ने क्या कहा

विदेश मंत्री ने भारत-चीन के हालिया विवाद की पृष्ठभूमि बतायी और कहा कि 1962 के युद्ध के बाद गतिरोध तोड़ने में 26 साल लगे. 1988 के बाद 1994 और 1996 में दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और सामान्य स्थिति बनाने के लिए समझौते हुए. विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन किया, जिनमें यह प्रावधान था कि सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती नहीं की जाएगी.

Close
Search

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर किया समझौतों का उल्लंघन, जानें विदेश मंत्री ने क्या कहा

विदेश मंत्री ने भारत-चीन के हालिया विवाद की पृष्ठभूमि बतायी और कहा कि 1962 के युद्ध के बाद गतिरोध तोड़ने में 26 साल लगे. 1988 के बाद 1994 और 1996 में दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और सामान्य स्थिति बनाने के लिए समझौते हुए. विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन किया, जिनमें यह प्रावधान था कि सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती नहीं की जाएगी.

एजेंसी न्यूज PBNS India|
अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, फिर किया समझौतों का उल्लंघन, जानें विदेश मंत्री ने क्या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि भारत (India) और चीन (China) के संबंध आज एक दोराहे पर खड़े हैं और यह किस दिशा में जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि चीन 1988 में हुई सहमति का पालन करता है या नहीं. दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया की ओर से आयोजित एक संवाद में कहा कि सीमा पर अशांति, खून खराबा और जोर-जबरदस्ती और टकराव होता है तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर अवश्य पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चीन को यह नहीं सोचना चाहिए की सीमा पर तनाव और संघर्ष की हकीकत को नजरअंदाज कर अन्य क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाया जा सकता है. सीमा पर संघर्ष और तनाव के लिए चीन को दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा कि चीन ने आपसी सहमति को तोड़ा है जिसके कारण संबंध बिगड़े हैं. India-China Tension: LAC पर तनाव बढ़ती चीनी आक्रामकता और प्रभुत्व कायम करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है

चीन ने समझौतों का किया उल्लंघन

विदेश मंत्री ने भारत-चीन के हालिया विवाद की पृष्ठभूमि बतायी और कहा कि 1962 के युद्ध के बाद गतिरोध तोड़ने में 26 साल लगे. 1988 के बाद 1994 और 1996 में दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और सामान्य स्थिति बनाने के लिए समझौते हुए. विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन किया, जिनमें यह प्रावधान था कि सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती नहीं की जाएगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को याद दिलाया कि अतीत में बनी सहमतियों पर अमल किए जाने से ही यह संभव हो पाया कि दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य क्षेत्रों में संबंधों का विकास हुआ. मौजूदा दौर में जब सीमा पर शांति और स्थायित्व को भंग किया गया तो, अन्य क्षेत्रों पर भी इसका असर पड़ना लाजमी था.

‘क्वाड’ सैनिक गठबंधन नहीं

इस दौरान विदेश मंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उभर रहा चतुर्गुट (क्वाड) सैनिक गठबंधन नहीं है. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अभी शीत युद्ध की मानसिकता नहीं उभर पाए हैं. उन्होंने कहा कि आज की दुनिया शीत युद्ध की दुनिया से बिल्कुल अलग है. शीत युद्ध की पुनरावृत्ति की बात यथार्थ पर आधारित नहीं है.

भारत के क्वाड के साथ जुड़ाव को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपने हितों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विकल्पों का सहारा ले रहा है. भारत बहुध्रुवीय विश्व में विश्वास रखता है तथा समान विचार वाले देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है. उन्होंने अमेरिका के कुछ रक्षा विशेषज्ञों के इस विचार से असहमति व्यक्त की कि क्वाड चीन को काबू में रखने के लिए बनाया जा रहा सैन्य गठबंधन है.

IPL Auction 2025 Live
IPL Auction 2025 Live
शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change