Yashswi Jaiswal Story: बचपन के कोच ज्वाला ने कहा, यशस्वी के ‘पानीपूरी बेचने’ की कहानी पसंद नहीं
यशस्वी जायसवाल (Photo Credits: IPL/Twitter)

मुंबई, एक मई यशस्वी जायसवाल के बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने सोमवार को कहा कि जायसवाल जो क्रिकेटर हैं वो वह आजाद मैदान पर एक समय पानीपूरी बेचकर नहीं बल्कि अपनी कड़ी मेहनत से बने हैं. मुंबई इंडियन्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स की ओर से 62 गेंद में 124 रन की पारी खेलने वाले जायवाल का जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में वेस्टइंडीज के खिलाफ अमेरिका में होने वाली पांच मैच की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में चुना जाना लगभग तय है. यह भी पढ़ें: "हमारे साथ ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चमक बिखेरेगा यशस्वी जायसवाल", राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच कुमार संगकारा ने की तारीफ

हालांकि पिछले कुछ सत्र में उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद सोशल मीडिया पर हमेशा सबसे पहले यह कहानी वायरल होती है कि उन्हें मुंबई में रहने के लिए पानीपूरी बेचनी पड़ी थी.

वर्ष 2013 में जायसवाल को अपना शागिर्द बनाने वाले ज्वाला ने अपने इस शिष्य को अपने साथ रखा. इस कहानी को हालांकि जब जायसवाल की क्रिकेट उपलब्धियों पर वरीयता दी जाती है तो ज्वाला नाराज हो जाते हैं.

ज्वाला ने सोमवार को पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे वास्तव में कहानी (पानीपुरी बेचना) पसंद नहीं है. वह कड़ी मेहनत के कारण क्रिकेट खेल रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई विक्रेताओं ने आजाद मैदान के पास अपने स्टॉल लगाए. कभी-कभी जब वह शाम को खाली होते थे, तो उनकी थोड़ी मदद करते थे. उन्होंने खुद स्टॉल नहीं लगाया. ऐसा नहीं है कि उन्होंने पानीपूरी बेची और भारत के लिए खेले.’’

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