Assam Flood: केंद्र असम की बाढ़ और कटाव की समस्या के हल के प्रति गंभीर नहीं- कांग्रेस
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गुवाहाटी, 13 जुलाई : कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार असम में हमेशा आने वाली बाढ़ और कटाव की समस्या के समाधान के प्रति "गंभीर नहीं" है. दो बार के लोकसभा सदस्य ने इसे "असंवेदनशील" करार दिया. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि असम में "बाढ़ जैसी स्थिति" उत्पन्न हो गई है. बोरदोलोई ने आरोप लगाया, "असम में हर साल बाढ़ आती है और यह कुल भूमि के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से को प्रभावित करती है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ के दौरान कभी असम का दौरा नहीं किया. इससे पता चलता है कि वह वास्तव में हमारी कितनी परवाह करते हैं. वे केवल चुनाव के दौरान आते हैं और बड़े-बड़े वादे करते हैं."

उन्होंने कहा कि असम के लिए कटाव और भी गंभीर समस्या है जो हर साल लगभग 8,000 हेक्टेयर भूमि को बहा ले जाती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे प्राकृतिक आपदा मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार बाढ़ और कटाव की हमारी समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर नहीं है. अन्यथा अमित शाह ने ऐसी असंवेदनशील टिप्पणी नहीं की होती. कांग्रेस सांसद ने कहा, "इस साल असम दशकों की सबसे गंभीर बाढ़ का सामना कर रहा है. लेकिन शाह ने कहा कि 'बाढ़ जैसी स्थिति' बनी हुई है. मैं इस तरह के बयान की कड़ी निंदा करता हूं." छह जुलाई को शाह ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था कि उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को फोन किया और मौजूदा स्थिति के बारे में बात की. यह भी पढ़ें : PM Modi on Donald Trump Attacks: प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप पर हमले की कड़ी निंदा की

उन्होंने कहा, "भारी बारिश के कारण असम में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है." बोरदोलोई ने कहा कि अगले संसद सत्र में वह केंद्र से बाढ़ और कटाव को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल करने की मांग करेंगे. असम के 20 जिलों में 8.4 लाख से अधिक लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं, जबकि एक और मौत के साथ इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या 107 हो गई है