नयी दिल्ली, 20 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि वह महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के लिए भूमि उपयोग में परिवर्तन को चुनौती के संबंध में "व्यापक मुद्दे" पर पहले सुनवाई करेगा।
सेंट्रल विस्टा का निर्माण राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच तीन किलोमीटर की दूरी में प्रस्तावित है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भूमि के उपयोग में बदलाव के बारे में आरोप पहला मुद्दा है। पीठ परियोजना को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी सहित कई पहलुओं पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने कहा, "हम यह स्पष्ट करते हैं कि न्यायालय सबसे पहले दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 के प्रावधानों के विपरीत भूमि उपयोग के परिवर्तन को चुनौती के व्यापक मुद्दे की सुनवाई शुरू करेगा।’’ पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं।
मामले में अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका में परियोजना को दी गई चुनौती पर सवाल उठाया। इस परियोजना में नए संसद भवन का निर्माण शामिल है।
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