Thiruvananthapuram Airport Privatization: तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को निजी कंपनी के हाथों में देने का केरल सरकार का विरोध, सीएम पिनाराई विजयन ने सर्वदलीय नेताओं की बुलाई बैठक
सीएम पिनाराई विजयन ने सर्वदलीय बैठक नेताओं की बुलाई बैठक (Photo Credits ANI)

तिरुवनन्तपुरम: मोदी सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को एक बैठक के दौरान तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को निजी कंपनी अदानी ग्रुप को देने को लेकर फैसला किया. जिस फैसले का केरल के सीएम सीएम पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने विरोध जताते हुए कल ही पीएम मोदी (PM Modi) को एक पत्र लिखा था. पत्र में सीएम विजयन ने मोदी सरकार से मांग की थी कि सरकार अपने फैलसे को वापस ले. तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को निजी कंपनी के हाथों में सौंपे जाने के एक दिन बाद गुरुवार को सीएम पिनाराई विजयन ने सरकार के इस फैलसे को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में बीजेपी को छोड़ सभी दल के नेता शामिल हुए.

बैठक में शामिल सभी दल के नेताओं ने मोदी सरकार के फैसले का विरोध जताया है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में शामिल होने वाले नेताओं ने अदानी एंटरप्राइजेज को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट (Thiruvananthapuram Airport) को संचालन के लिए देने का विरोध जताया है. इसके साथ ही नेताओं की मांग है कि सरकार अपने इस फैसले को वापस लें. यह भी पढ़े: Trivandrum International Airport: केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को प्राइवेट कंपनी के हाथों में दिए जाने का किया विरोध

वहीं पर सर्वदलीय बैठक के बाद केरल सीएम ने पीएम मोदी को दूसरी बार पत्र लिखकर फैसले का विरोध जताया है. पत्र में उन्होंने लिखा कि आप से अनुरोध है कि राज्य सरकार के पास हवाई अड्डों के कुशलता से प्रबंधन का आवश्यक अनुभव होने के बावजूद तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे का प्रबंधन और संचालन निजी कंपनी को सौंपने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए हस्तक्षेप करें.

सीएम पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी को फिर लिखा पत्र:

इस बैठक में सर्वदलीय नेताओं ने फैसला लिया है कि तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को  निजी कंपनी के हाथ में देने का फैसले का विरोध करते हुए एक साथ आगे बढ़ने की बात कही गई है. तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को निजी कंपनी के हाथों में देने का बीजेपी को छोड़ सभी पार्टी के नेताओं ने की है. ज्ञात हो कि बुधवार को मोदी कैबिनेट की एक बैठक के दौरान जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट का निजीकरण करते हुए इन एयरपोर्ट को चलाने के लिए 50 साल के लिए अदानी ग्रुप को सौंप दिया गया.