पणजी, 7 नवंबर : गोवा में स्थिर सरकार देने की कोशिश के लिए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की उनकी पार्टी के सहयोगियों और राजनीतिक विश्लेषकों ने प्रशंसा की है. वह गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद इसके सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर द्वारा भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस के आठ विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिका को खारिज करने के हालिया फैसले ने तटीय राज्य की राजनीतिक स्थिरता को और मजबूत कर दिया है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सावंत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 19 मार्च 2019 को राज्य की बागडोर संभाली और 2022 के चुनाव में पार्टी को जीत मिली. वह 1987 में गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति बन गए हैं. वह अब पांच साल और 231 दिनों से लगातार पद पर हैं. इससे पहले, जब गोवा केंद्र शासित प्रदेश था तब इसके पहले मुख्यमंत्री दयानंद बंदोदकर ने छह साल और 129 दिनों तक लगातार राज्य पर शासन किया था. उनकी बेटी शशिकला काकोडकर पांच साल और 258 दिनों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठीं जबकि प्रतापसिंह राणे सात साल और 134 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे थे. यह भी पढ़ें : Kolkata Doctor Rape Murder: सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई पश्चिम बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने से किया इनकार
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषक सिद्धार्थ सामंत ने कहा कि राज्य के विकास के लिए स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है. राज्य के मत्स्य पालन मंत्री नीलकांत हलर्नकर 2019 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने याद किया कि कैसे सावंत के नेतृत्व में उत्तर गोवा की थिविम सीट जीतने की उनकी संभावनाएं बढ़ गईं. भाजपा विधायक संकल्प अमोनकर ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने और कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला मुख्य रूप से प्रमोद सावंत के करिश्मे के कारण है.