कोलकाता, 17 दिसंबर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी एक बंगाली पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोनों का ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ का सपना है. भाजपा ने पत्रिका ‘‘स्वास्तिक’’ में छपे लेख से दूरी बनाते हुए इसे ‘‘निराधार’’ और पार्टी के आधिकारिक रुख से अलग बताया है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने भी ‘‘भगवा खेमे के साथ समझौते’’ के आरोपों को खारिज कर दिया. हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि ‘‘राज का पर्दाफाश हो गया है.’’ ‘‘ममता इतिहास मिटाने की इतनी इच्छुक क्यों है? निवेश आकर्षिक करने के लिए या सोनिया को बर्बाद करने के लिए?’’ शीर्षक वाले इस लेख को निर्मलया मुखोपाध्याय ने लिखा है और यह पत्रिका के 13 दिसंबर के अंक में प्रकाशित हुआ.
लेख में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष की नयी दिल्ली में हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक का जिक्र किया गया है और दावा किया गया है कि दोनों का ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ का सपना है. लेखक ने लिखा है, ‘‘बदले रुख से यह स्पष्ट है कि वह पहले वाली ममता बनर्जी नहीं हैं. नरेंद्र मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना है. मुझे लगता है कि अब ममता का भी यही सपना है. इसलिए वह इस सपने को बेचकर इतिहास मिटाने की कोशिश कर रही हैं.’’ लेखक ने इस पर भी हैरानी जतायी कि बनर्जी के दिमाग में क्या ‘‘राजनीतिक जोड़ तोड़’’ चल रही है कि वह अपने ‘‘दुश्मनों और जाने पहचाने प्रतिद्वंद्वियों’’ को अपने करीब ला रही हैं. यह भी पढ़ें : Karnataka: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केआर रमेश कुमार ने विधानसभा में दिए गए अपने विवादास्पद बयान पर मांगी माफी, कहा- मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं
इस लेख पर टिप्पणी के लिए पत्रिका के संपादक तिलक रंजन बेरा से बार-बार संपर्क किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी है. आरएसएस के प्रदेश महासचिव जिश्नु बसु ने कहा कि उन्होंने अभी लेख पढ़ा नहीं है. बसु ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘मैंने अभी लेख पढ़ा नहीं है इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं. लेकिन मुझे किसी समझौते के बारे में नहीं पता है क्योंकि सच यह है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में भाजपा के 62 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी.’’