कोलकाता, छह जनवरी पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किये जाने की मांग के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि विभिन्न घोटालों के सिलसिले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं को दूसरे राज्यों की जेलों में रखा जाना चाहिए।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया।
सत्तारूढ़ टीएमसी के खिलाफ नारे लगाते हुए भाजपा के कम से कम 100 समर्थकों ने हावड़ा ब्रिज पर 15 मिनट तक विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई। इन प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं।
भाजपा के एक प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह के प्रदर्शन मालदा, जलपाईगुड़ी, हुगली और राज्य के अन्य हिस्सों में भी हुए।
उत्तर 24-परगना जिले में शुक्रवार को एक टीएमसी नेता के आवास पर छापेमारी के दौरान भीड़ ने प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पर हमला किया और उसके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस घटना की निंदा की थी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य प्रशासन पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से ‘विफल’ रहने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘केवल एक ही विकल्प है। केंद्रीय एजेंसियों को विभिन्न घोटालों में गिरफ्तार सभी टीएमसी नेताओं को अन्य राज्यों की जेलों में बंद करना चाहिए, ताकि सत्तारूढ़ दल भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के विरोध के नाम पर भीड़ हिंसा भड़काने की साजिश न कर सके।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता में आती है, तो सार्वजनिक धन की लूट की जांच को पटरी से उतारने के लिए उपद्रव मचाने वाले सभी लोगों को सबक सिखाया जाएगा।
बेलुरघाट के सांसद मजूमदार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ईडी अधिकारियों पर हमले की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
भाजपा नेता पर पलटवार करते हुए, टीएमसी प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि जांच एजेंसी के कर्मियों पर हमले का समर्थन नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि "ईडी और अन्य एजेंसियों ने पिछले दो वर्ष में भाजपा के इशारे पर टीएमसी के लोकप्रिय नेताओं की संपत्तियों पर छापे मारे हैं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि एजेंसी ने इस तरह की छापेमारी करने से पहले स्थानीय पुलिस और प्रशासन को भी अंधेरे में रखा।
पुलिस ने कहा है कि संदेशखाली में ईडी की छापेमारी से पहले उन्हें सूचित नहीं किया गया था, लेकिन एजेंसी ने मीडिया को जरूर सूचित किया था। टीएमसी नेता ने कहा कि (यदि सूचित किया जाता तो) पुलिस स्थिति को नियंत्रित कर सकती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी ने देखा था कि पोंजी घोटालों की जांच के सिलसिले में राज्य के बाहर ले जाने के बाद तापस पॉल जैसे जन प्रतिनिधियों के साथ क्या हुआ था, लेकिन जेल में होने के बावजूद उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए।’’
टीएमसी प्रवक्ता ने कहा कि टीएमसी के लोकप्रिय नेताओं की लगातार छापेमारी और गिरफ्तारी "चुनाव से पहले हमें कमजोर करने की भाजपा की राजनीति का हिस्सा है"।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “टीएमसी समर्थकों द्वारा ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बलों पर हमले देश में अभूतपूर्व थे। यह पश्चिम बंगाल की छवि पर एक धब्बा है, जहां सत्तारूढ़ दल द्वारा सार्वजनिक धन की कथित लूट की जांच करने के लिए जांच एजेंसियों के कर्मियों को भी निशाना बनाया जाता है और पीटा जाता है।"
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