नयी दिल्ली, 15 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की "रहस्यमय मौत" के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय वन्यजीव संस्थान और अन्य से जवाब मांगा है।
एनजीटी ने मौतों के संबंध में मीडिया में आई खबर का संज्ञान लिया था।
अधिकरण ने खबर पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि प्रारंभिक जांच में रहस्यमय मौतों के कारण कोदो के पौधों का बड़ी मात्रा में सेवन करने से हाथियों के शरीर में विषाक्कता उत्पन्न होना बताया गया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश ने 12 नवंबर के आदेश में कहा, "समाचार में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कोदो भारत के कई हिस्सों में एक मुख्य भोजन है, जो उच्च आहार फाइबर और खनिज के लिए जाना जाता है। हालांकि, जब यह मायकोटॉक्सिन से दूषित हो जाता है, तो विशेष रूप से मानसून के मौसम के दौरान इससे फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से मनुष्यों और जानवरों दोनों में यकृत को नुकसान, गुर्दे की समस्याएं और जठरांत्र संबंधी समस्याओं समेत गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।”
एनजीटी ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव, भारतीय वन्यजीव संस्थान और आईवीआरआई के निदेशक, मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन और उमरिया के जिला मजिस्ट्रेट को पक्ष या प्रतिवादी के रूप में इस मामले में शामिल किया।
अधिकरण ने कहा, "उपरोक्त उत्तरदाताओं को सुनवाई की अगली तारीख (12 दिसंबर) से कम से कम एक सप्ताह पहले अधिकरण की मध्य क्षेत्रीय पीठ के समक्ष हलफनामे के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया/उत्तर दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।"
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