बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) के लिये जारी सघन प्रचार अभियसान के बीच कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता एवं छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने रविवार को यह कहते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा कि धर्म के नाम पर वोट लेकर पार्टी सत्ता में आई है.
बघेल ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के पास कोई दृष्टि नहीं है. जहां बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है, इसके नेता धर्म की बात करने में व्यस्त हैं. उन्होंने धर्म के नाम पर वोट लिये और सत्ता में आए.’’
बघेल अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के प्रचार के लिए कर्नाटक में थे. उन्होंने कर्नाटक में भाजपा के शासन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर पर भी उस पर निशाना साधा. Karnataka Election 2023: पीएम मोदी ने सोनिया पर कसा तंज, कहा- ‘डरी हुई’ कांग्रेस ने चुनाव से दूर रहने वालों को प्रचार में उतारा
पूर्व उपमुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बघेल ने कहा, ‘‘चूंकि ईश्वरप्पा जी पकड़े गए और मामला सार्वजनिक हो गया. लोगों ने तय कर लिया है कि यह 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार है और उन्हें इसे हटाना है... यह जनता का पैसा है जिसे भाजपा चुरा रही है....’’
कांग्रेस ने कर्नाटक में भाजपा सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और ‘‘सरकार द्वारा किए गए सभी प्रकार के कार्यों में 40 प्रतिशत कमीशन लेने" का आरोप लगाया है. कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के पार्टी के वादे से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर वोट मांगती है.
उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा का अपना घोषणापत्र है? क्या वे पूरे देश में 40 प्रतिशत कमीशन (सरकारी कार्यों पर) लागू करेंगे? वे इसको लेकर अनिश्चित हैं कि देश को किस दिशा में ले जाया जाना चाहिए. वे केवल धर्म के बारे में बात कर रहे हैं जबकि भारी बेरोजगारी है और महंगाई है.’’
भाजपा ने कांग्रेस पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के उसके वादे को लेकर निशाना साधा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे की तुलना भगवान हनुमान और उनके भक्तों को ताले में बंद करने से की, जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा ने कांग्रेस के घोषणापत्र को "मुस्लिम लीग का घोषणापत्र" करार दिया है.
कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी ने कहा कि कार्रवाई में ऐसे संगठनों पर "प्रतिबंध" शामिल होगा. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के चुनाव 10 मई को होगा और मतगणना 13 मई को होगी.
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