भाजपा ने पूछा, क्या वोट कम हो जाने के डर से विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीर नहीं लगा रही कांग्रेस
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नयी दिल्ली, 3 अप्रैल : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञापनों में किसी भी नेता की तस्वीर उपयोग ना करने को लेकर बुधवार को विपक्षी पार्टी पर तंज कसा और सवाल किया है कि क्या वह इस डर से अपने शीर्ष नेताओं की तस्वीर नहीं लगा रही है कि इससे उसका वोट कम हो जाएगा. कांग्रेस ने पिछले दिनों अखबारों में ‘हाथ बदलेगा हालात’ के नारे वाले विज्ञापन जारी किए थे और इसके माध्यम से महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की आय और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाते हुए केंद्र सरकार से पूछा था कि ‘पिछले जुमलों का दो जवाब, मेरे विकास का दो हिसाब’. इन विज्ञापनों में किसी नेता की तस्वीर नहीं है, सिर्फ कांग्रेस का चुनाव चिह्न ‘हाथ’ नजर आता है.

भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के विज्ञापन अब आने लगे हैं. लेकिन उनमें कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लकार्जुन खरगे) की फोटो नहीं है. न ही राहुल गांधी की है.’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या कांग्रेस को डर है कि किसी नेता का फोटो डालने से उसके वोट कम हो जाएंगे. इसलिए विज्ञापन में न सोनिया गांधी, न राहुल गांधी और न ही खरगे का फोटो है.’’ तावड़े ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) द्वारा केरल में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को दिए गए समर्थन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से रुख स्पष्ट करने को कहा. यह भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: चुनाव प्रचार में जुटी ममता बनर्जी, जलपाईगुड़ी में एक दुकान पर खुद की हाथों से चाय बनाने के बाद लोगों को परोसा, तस्वीरें वायरल

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी केरल में एसडीपीआई का समर्थन ले रहे हैं जबकि उसे प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा माना जाता है और यह भाजपा शासित ही नहीं बल्कि उसके शासन वाले कर्नाटक में भी प्रतिबंधित है. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद और देशविरोधी गतिविधियों में उनके संलिप्त होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. आंतकवादी और टकड़े टुकड़े गैंग के प्रति कांग्रेस का यह प्रेम जारी है.’’

उन्होंने कोयंबटूर बम कांड के मुख्य आरोपी अब्दुल नासिर मदनी की रिहाई के लिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से केरल विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह इतिहास का इकलौता उदाहरण है जब बम कांड के आरोपी की रिहाई की मांग विधानसभा में की गई. तावड़े ने सवाल किया, ‘‘क्या एसडीपीआई राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान की श्रेणी में आती है?’’