कन्याकुमारी, 7 सितंबर : कांग्रेस ने अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा आरंभ होने से पहले बुधवार को कहा कि यह यात्रा भारतीय राजनीति में एक 'टर्निंग प्वाइंट’ (निर्णायक मोड़) है और आखिरकार घृणा पर प्रेम की विजय होगी. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यात्रा शुरू करने से पहले श्रीपेरंबुदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर सुबह श्रद्धांजलि अर्पित की और एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए . तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में तीन दशक पहले एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमला करके राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. राहुल गांधी ने अपने पिता के स्मारक पर पुष्प अर्पित किए और प्रार्थना सभा में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने नफरत और विभाजन की राजनीति के कारण अपने पिता को खो दिया. मैं अब अपने देश को नहीं खो सकता. घृणा पर प्रेम की विजय होगी. हम सब मिलकर जीत हासिल करेंगे.’’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "सात सितंबर 2022, एक ऐसा दिन, जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब तक की सबसे लंबी पदयात्रा शुरू करेगी. आज का दिन एक शांत चिंतन और नए सिरे से संकल्प का दिन है.'' उन्होंने कहा, "भारतीय राजनीति में यह एक टर्निंग प्वाइंट है. एक नई शुरुआत का प्रतीक है." राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैल गई है और इस स्थिति को नहीं संभाला गया तो देश गृहयुद्ध की तरफ जा सकता है. उन्होंने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत से पहले संवाददाताओं से यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सद्बुद्धि आए और वे हालात को समझ सकें. यह भी पढ़ें : Uttarakhand Leopard Video: अल्मोड़ा में थाने के पास नजर आया तेंदुआ, उत्तराखंड पुलिस ने कर डाली ये अपील
राहुल शाम को यहां के समुद्री तट के निकट एक जनसभा को संबोधित करेंगे और इसके साथ इस यात्रा की औपचारिक शुरुआत होगी. हालांकि राहुल गांधी और 118 अन्य ‘भारत यात्री’ आठ सितंबर की सुबह विधिवत पदयात्रा आरंभ करेंगे. राहुल जनसभा से पहले यहां के ‘गांधी मंडपम’ में एक प्रार्थना सभा में शामिल होंगे. फिर वह एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन उन्हें राष्ट्र ध्वज सौंपेंगे. राहुल विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी जाएंगे. पदयात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और अगले 18 दिनों तक राज्य से होते हुए 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी और उसके बाद उत्तर की तरफ अन्य राज्यों में जाएगी.