मुंबई, 10 दिसंबर : मुंबई में सोमवार को जब 20 वर्षीय आफरीन शाह अपनी नयी नौकरी शुरू करने के लिए घर से निकलीं तो उनके पिता को जरा भी अंदाजा नहीं था कि अब वह कभी घर वापस नहीं लौटेंगी. आफरीन उन सात लोगों में से एक थीं, जिनकी मौत सोमवार रात कुर्ला (पश्चिम) में ‘बेस्ट’ (बृह्नमुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन उपक्रम) की एक बस द्वारा पैदल यात्रियों और वाहनों को टक्कर मारने के कारण हुई थी. अब्दुल सलीम शाह ने अपनी बेटी आफरीन से आखिरी बार तब बात की थी जब वह एक निजी कंपनी में नौकरी के पहले दिन के बाद घर लौटने के लिए ऑटोरिक्शा का इंतजार कर रही थी.
शाह ने आफरीन को ऑटोरिक्शा लेने के लिए राजमार्ग की ओर चलने की सलाह दी. यह आखिरी बार था जब उन्होंने अपनी बेटी से बात की थी. शाह ने कहा, ‘‘नयी कंपनी में काम पर आफरीन का यह पहला दिन था. काम के बाद, वह कुर्ला रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां से उसने मुझे रात 9:09 बजे फोन करके बताया कि उसे शिवाजी नगर के लिए ऑटोरिक्शा नहीं मिल रहा है.’’ पिता ने कहा, ‘‘मैंने उसे राजमार्ग की ओर चलने और ऑटोरिक्शा लेने के लिए कहा. लेकिन, रात 9:54 बजे, मुझे अपनी बेटी के फोन से एक कॉल आया, और यह भाभा अस्पताल के एक कर्मचारी का था.’’ यह भी पढ़ें : मध्यप्रदेश के पन्ना अभयारण्य में बाघ के हमले में बुजुर्ग महिला की मौत
दुखी पिता ने कहा, ‘‘यह काम पर उसका पहला दिन था और अब मैं अपनी बेटी को कभी वापस नहीं पा सकूंगा.’’ बेस्ट बस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हुए हैं. घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है.