देश की खबरें | गोवा में गोरक्षकों के खिलाफ व्यापारियों की हड़ताल से ‘बीफ’ की कमी होने के आसार

पणजी, 24 दिसंबर गोवा में गोरक्षक समूहों द्वारा ‘बढ़ते उत्पीड़न’ के विरोध में मांस व्यापारी हड़ताल पर हैं और इससे वहां क्रिसमस और नए साल से पहले ‘बीफ’ की किल्लत हो सकती है।

‘कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन (क्यूएमटीए)’ के बैनर तले सोमवार से हड़ताल शुरू हुई।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को लिखे गए एक पत्र में संघ ने दावा किया कि कानूनी रूप से ‘बीफ’ बेचने वाली दुकानों पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे हमलों की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

क्यूएमटीए के सदस्य अब्दुल बेपारी ने कहा, ‘‘हाल में मडगांव में हमला हुआ। हम इन समूहों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं और हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि शिकायतें मिलने के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से उन्हें सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलने तक मांस व्यापारी अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, तटीय राज्य में प्रतिदिन 20 से 25 टन ‘बीफ’ बेचा जाता है और पर्यटन तथा त्योहारी सीजन के दौरान बिक्री बढ़ जाती है।

कांग्रेस विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि पूरे राज्य में गोरक्षकों द्वारा हिंसा की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे मांस व्यापारी हों या कोई संगठन, सभी को कानून का पालन करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब भीड़ अचानक घरों में घुसकर फ्रिज या अलमारी में ‘बीफ’ की जांच करने लगी। विधायक ने कहा, "यह पूरी तरह से घुसपैठ है और उन्हें वहां जाने का कोई अधिकार नहीं है।"

फरेरा ने कहा कि गोरक्षक समूह यह भी मांग करते हैं कि उन्हें दुकानों पर मांस का निरीक्षण करने की अनुमति दी जाए, हालांकि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों को दुकानों में घुसने और ऐसी गतिविधियां करने का कोई अधिकार नहीं है।’’

मुख्यमंत्री सावंत ने सोमवार को कहा था कि राज्य द्वारा संचालित गोवा मीट कॉम्प्लेक्स लिमिटेड, ‘बीफ’ की आवश्यकता को पूरा करेगा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)