ईटानगर, 21 अक्टूबर अरुणाचल प्रदेश में आयोडीन की कमी की रोकथाम के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए विभिन्न जिलों की स्वास्थ्य टीमों ने सोमवार को वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस मनाया।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम (एनआईडीडीसीपी) के तहत आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम एक व्यापक राष्ट्रीय पहल का हिस्सा था जिसका उद्देश्य पोषण में आयोडीन के महत्व और स्वास्थ्य को बनाए रखने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लोगों को शिक्षित करना था। यह अभियान विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया।
एनआईडीडीसीपी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डी. ताइपोडिया ने बताया कि आयोडीन की कमी बच्चों में संज्ञानात्मक और विकास संबंधी देरी का एक रोकथाम योग्य कारण है।
उन्होंने कहा, ‘‘आयोडीन एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं में थायरॉयड ग्रंथी और मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।’’
ताइपोडिया ने इस बात पर जोर दिया कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक परिवार आयोडीन युक्त नमक के उपयोग और आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के महत्व को समझे।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बियुराम वाघे के नेतृत्व में राज्य सरकार पोषण संबंधी कार्यक्रम बढ़ाने और दूरदराज के क्षेत्रों में आयोडीन युक्त नमक की पहुंच में सुधार करने की योजनाओं के साथ इन पहलों का समर्थन कर रही है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)