मेलबर्न, 26 अगस्त आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किये जा रहे कोविड-19 टीके का क्लीनिकल पूर्व परीक्षणों में कोरोना वायरस के विरूद्ध ‘सकारात्मक परिणाम’ रहा है जिससे उसकी संभावित प्रभाव क्षमता एवं बड़े पैमान पर उत्पादन की उम्मीद जगी है। विश्वविद्यालय ने बुधवार को यह बात कही।
उसके परीक्षण संबंधी निष्कर्ष के अनुसार सिकायरस एमएफ 59 के साथ यह टीका देने पर संबंधित संक्रमित जानवर को इस वायरस की वृद्धि से सुरक्षा मिली और उसके फेफड़े की परेशानियां कम हुई। ये निष्कर्ष अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं।
एक बयान के अनुसार इस परियोजना के सह प्रमुख एसोसिएट प्रोफेसर कीथ चैप्पेल ने नीदरलैंड के वायरोक्लीनिक्स -डीडीएल द्वारा पशुओं पर किये गये परीक्षण का आंकड़ा इंटरनेशनल सोसायटी फोर वैक्सीन के सामने रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘ पशु मॉडल में हमारे आणविक टीके की निष्प्रभावी करने संबंधी प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उन मरीजों में मौजूद एंटीबॉडीज के औसत स्तर से बेहतर है जो कोविड-19 से उबरे हैं। ’’
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उन्होंने कहा, ’’ वह मजबूत टी कोशिका प्रतिक्रिया भी पैदा करता है । जहां तक बड़े पैमाने पर उसके उत्पादन संबंधी आंकड़े की बात है तो इस मोर्चे पर भी ठोस नतीजे सामने आये हैं।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीकों के विकास में बड़ी चुनौतियों में एक व्यापक स्तर पर उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर उनके उत्पादन की क्षमता भी है।
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