नागपुर जेल में बंद साईबाबा की पैरोल की मांग वाली याचिका पर कार्रवाई करें: कोर्ट
जेल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई: माओवादियों के साथ संपर्क रखने के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे साईबाबा की पेरोल के लिए दायर याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की नागपुर पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनय जोशी (Vinay Joshi) सुनवाई कर रहे थे. याचिका में अदालत से आग्र​ह किया गया है कि उन्हें उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुये तथा मां से मुलाकात करने के लिये पेरोल पर रिहा किया जाये.

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की मां कैंसर से पीड़ित है और अभी हैदराबाद में है. अतिरिक्त लोक अभियोजक एस जावड़े ने अदालत को बताया कि हैदराबाद पुलिस से रिपोर्ट मांगी गयी है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लाकडाउन जारी है, इस वजह से अधिकारियों को पुलिस रिपोर्ट मिलने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. देश में कोरोना वायरस का कहर जारी, एक दिन में मिले 1329 नए मरीज, 44 संक्रमितों ने तोड़ा दम

अभियोजक ने कहा कि जैसे ही लाकडाउन की अवधि समाप्त होगी, पुलिस रिपोर्ट प्राप्त कर ली जाएगी. साईबाबा के अधिवक्ता ​मिहिर देसाई ने जिरह करते हुये कहा कि पेरोल के लिये आवेदन दो अप्रैल को दिया गया था और दिशा निर्देशों के अनुसार इस पर 38 दिन के भीतर फैसला कर लिया जाना चाहिये और यह अ​वधि आगामी दस मई को समाप्त हो रही है .

अदालत ने कहा, '‘इसमें कोई विवाद नहीं है कि मौजूदा दौर में रिपोर्ट प्राप्त करने में पुलिस एवं जेल अधिकारी कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं, इसलिये इस मामले को पांच मई तक के लिये स्थगित किया जाता है.'’ अदालत ने कहा कि इस बीच अधिकारी रिपोर्ट प्राप्त करने और आवेदन पर कार्रवाई के लिये प्रयास करें.

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने मार्च 2017 में साईबाबा एवं चार अन्य को माओवादियों के साथ संपर्क रखने का दोषी ठहराया था. इनमें एक पत्रकार, एक कार्यकर्ता एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का एक छात्र शामिल था. सजा सुनाये जाने के बाद से साईबाबा नागपुर जेल में बंद है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)