नयी दिल्ली, 2 अगस्त : दिल्ली की मंत्री आतिशी ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह में 14 लड़कियों की मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश शुक्रवार को राजस्व विभाग को दिया. आशा किरण ‘‘मानसिक रूप से कमजोर’’ लोगों के लिए केंद्र है जो दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है. राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से विभाग के प्रमुख की नियुक्त नहीं की गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्होंने इस विभाग का प्रभार किसी मंत्री को नहीं सौंपा है. आतिशी ने इस वर्ष जनवरी से अब तक हुई मौत संबंधी खबरों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि ये मौतें ‘‘कथित तौर पर स्वास्थ्य समस्याओं और कुपोषण के कारण हुईं और यह कैदियों को अपेक्षित सुविधाओं की कमी को दर्शाता है.’’
मंत्री ने कहा, ‘‘ राजधानी दिल्ली में ऐसी बुरी खबर सुनना वाकई स्तब्ध करने वाला है और अगर यह सच है, तो हम इस तरह की चूक बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह बहुत गंभीर मुद्दा है और इसकी गहन जांच की जरूरत है ताकि ऐसे सभी गृहों की स्थिति में सुधार लाने के वास्ते पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकें और रहने वालों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें.’’ उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को निर्देश दिया कि वे खबर में बताए गए पूरे मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट जांच कराएं और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करें. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली से उसके सांसद योगेंद्र चंदोलिया इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएंगे और पार्टी के नेता आश्रय गृह का दौरा करेंगे. यह भी पढ़ें : वायनाड भूस्खलन पीड़ितों को मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करेगी 121 सदस्यीय मानसिक स्वास्थ्य टीम
अखिल भारतीय भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता, रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता और पार्टी के उत्तर पश्चिम जिला अध्यक्ष सत्यनारायण गौतम ने आश्रय गृह में जाने की कोशिश की लेकिन आश्रय गृह के गेट नहीं खोले गए जिसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले दिन में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने इस यात्रा को लेकर भाजपा की आलोचना की. राय ने कहा, ‘‘ भाजपा आशा किरण में विरोध प्रदर्शन करने पहुंच रही है. उन्होंने जलभराव वाले नाले में डूबकर मां-बेटे की मौत पर विरोध प्रदर्शन नहीं किया, क्योंकि यह मामला डीडीए के अंतर्गत आता है. वे वहां से भाग गए. मैं कहना चाहता हूं कि राजनीति का यह दोहरा मॉडल बंद होना चाहिए.’’