ईटानगर, 22 दिसंबर अरुणाचल प्रदेश के मंत्रिमंडल ने एपीपीएससी (अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग) पेपर लीक मामले की विभागीय जांच के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह जांच मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और विशेष जांच प्रकोष्ठ (एसआईसी) की ओर से की जा रही तफ्तीश से स्वतंत्र होगी।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बुधवार को एपीपीएससी द्वारा आयोजित सहायक अभियंता (सिविल) भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मुद्दे पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान जारी कर कहा कि मंत्रिमंडल बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य सरकार इस मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय से विशेष रूप से एक अदालत को नामित करने का आग्रह करेगी।
एक व्हिसल ब्लोअर द्वारा पेपर लीक का खुलासा करने की बात स्वीकार करते हुए मंत्रिमंडल ने व्हिसल ब्लोअर्स सुरक्षा अधिनियम, 2014 के तत्काल कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने का संकल्प लिया।
इसके अलावा, बैठक में अभ्यर्थियों के साथ-साथ अन्य सभी हितधारकों की शिकायतों के तेजी से और सुगम निपटारे के लिए एपीपीएससी के शिकायत प्रकोष्ठ का कायाकल्प करने और उसे मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
एपीपीएससी की सहायक अभियंता (सिविल) भर्ती परीक्षा में अनियमितताएं तब सामने आईं, जब परीक्षा में शामिल हुए ग्यामार पाडुंग ने 29 अगस्त को ईटानगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर दावा किया कि उन्हें प्रश्न पत्र लीक होने का संदेह है। 26 और 27 अगस्त को हुई परीक्षा में 400 से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
राज्य सरकार की सिफारिश के बाद 27 अक्टूबर को सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथों में ले ली। शुरुआत में ईटानगर पुलिस मामले की जांच कर रही थी। बाद में यह मामला राज्य पुलिस की एसआईसी को स्थानांतरित कर दिया गया था।
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