रांची: धनबाद (Dhanbad) के न्यायाधीश उत्तम आनंद (Uttam Anand) की संदिग्ध मौत के मामले में सुराग देने वाले को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रविवार को पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की. न्यायाधीश की मौत के मामले की जांच करने यहां पहुंची सीबीआई की 20 सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय कुमार शुक्ला (Vijay Kumar Shukla) की ओर से आज यहां न्यायाधीश की मौत के स्थान रणधीर वर्मा चौक पर उनके दोनों मोबाइल नंबर के साथ पोस्टर लगाए गए जिनमें कहा गया है कि घटना के बारे में कोई भी सुराग देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा और सुराग देने वाले का नाम पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा. Dhanbad Judge Death Case: झारखंड सरकार CBI को सौंपेगी केस, आरोपियों का नार्को और ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट कराने की इजाजत मिली
गत 28 जुलाई को हुई न्यायाधीश की मौत के मामले में सीबीआई चार अगस्त से जांच कर रही है. लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है.
इस मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए 12 अगस्त को झारखंड उच्च न्यायालय ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा था कि एजेंसी अपनी जांच पेशेवर तरीके से करे क्योंकि मामला बहुत गंभीर है और उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच की निगरानी की जिम्मेदारी उसे सौंपी है, लिहाजा वह इसके हर पहलू की परख करेगा.
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन व न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की खंडपीठ में धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई थी. इस दौरान दौरान पीठ ने सीबीआई की अब तक की जांच से असंतुष्टि जताते हुए जांच में तेजी लाने और मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने की बात कही थी.
खंडपीठ ने इस दौरान राज्य सरकार को संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया था. अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान सीबीआई को मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने और साथ ही मामले के जांच अधिकारी को भी मौजूद रहने का निर्देश दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होनी है.
उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत 28 जुलाई को ऑटो की टक्कर से हुई थी. यह घटना तब हुई जब वह सुबह की सैर के लिए निकले थे. इस मौत को संदेहास्पद मानते हुए धनबाद के प्रधान जिला न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था. इस पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
दूसरी ओर, उच्चतम न्यायालय ने भी इसपर संज्ञान लिया और झारखंड उच्च न्यायालय को जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया था. विशेष सीबीआई अदालत ने 11 अगस्त को दोनों आरोपियों-ऑटो चालक और उसके साथी का सीबीआई रिमांड दस दिन के लिए और बढ़ा दिया था.
इससे पहले, सीबीआई ने न्यायाधीश की मौत की जांच अपने हाथ में लेने के बाद दोनों आरोपियों को सात अगस्त को विशेष अदालत में पेश कर उनकी पांच दिनों की रिमांड हासिल की थी जिसकी अवधि 11 अगस्त को पूरी हो गई.
मामले की जांच में सीबीआई की मदद कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में जांच से जुड़े लगभग सभी पहलुओं पर काम कर लिया है और अपराध स्थल की पूरी जांच की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि आरोपियों के परिजनों एवं मामले की जांच से जुड़े राज्य पुलिस के अधिकारियों से पूछताछ की जा चुकी है. दोनों आरोपियों की झूठ पकड़ने वाली मशीन से भी जांच की जा चुकी है और उनका अपराध मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी कर लिया गया है. अधिकारी ने बताया कि अब आरोपियों की ब्रेन मैपिंग एवं नार्को परीक्षण करना शेष है जिसके लिए उन्हें झारखंड के बाहर ले जाना होगा.
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