बेंगलुरु के निवासी अतुल सुभाष की आत्महत्या ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है. सुसाइड से पहले बनाए डेढ़ घंटे लंबे वीडियो और 24 पन्नों की चिट्ठी में उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए. मामले की जांच के लिए बेंगलुरु पुलिस की टीम जौनपुर पहुंच चुकी है.
जैसे ही अतुल के ससुराल वालों को इसकी जानकारी मिली, वे रातों-रात घर छोड़कर फरार हो गए. खोवामंडी स्थित उनका घर जौनपुर कोतवाली से महज 100 कदम की दूरी पर है. निकिता की मां निशा सिंघानिया और उनका भाई अनुराग सिंघानिया अपने घर पर ताला लगाकर भाग निकले.
ससुराल पक्ष के बचाव में बयान
अतुल की सास निशा सिंघानिया ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि, इससे पहले उन्होंने आरोपों को निराधार बताया और कहा, "मेरी बेटी कभी किसी को आत्महत्या के लिए उकसा नहीं सकती. अतुल ने अपने तनाव का गुस्सा हम पर निकाला है. मैं अदालत में सारे सबूत पेश करूंगी."
जज पर भी लगाए गंभीर आरोप
अतुल ने सुसाइड वीडियो में जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज पर भी उत्पीड़न और रिश्वतखोरी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के पेशकार को तारीख के लिए घूस देनी पड़ती है. जज ने मामले को सेटल करने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.
#WATCH | Jaunpur, U.P: Visuals from outside the residence of the wife of the #Bengaluru techie who died by suicide. pic.twitter.com/Cu5379XnYh— TIMES NOW (@TimesNow) December 12, 2024
अंतिम इच्छा में न्याय की मांग
अतुल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि उनकी मौत के बाद पत्नी और ससुराल वाले उनके शव के पास न आएं. उन्होंने परिजनों से कहा कि जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती, उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें.
बेंगलुरु में आत्महत्या
9 दिसंबर को अतुल सुभाष ने बेंगलुरु स्थित अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. उनकी टी-शर्ट पर लिखा था "Justice Is Due".
पत्नी समेत 4 पर केस दर्ज
बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया, निशा सिंघानिया, अनुराग सिंघानिया और सुशील सिंघानिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है. शिकायत अतुल के भाई बिकास कुमार ने मराठाहल्ली थाने में दर्ज कराई.
2019 में हुई थी शादी, 9 केस दर्ज
अतुल और निकिता की शादी 2019 में हुई थी. उनके एक बेटा भी है. 2021 में निकिता ने अतुल पर दहेज उत्पीड़न, अप्राकृतिक यौन शोषण और पिता की हत्या समेत नौ केस दर्ज कराए. अतुल ने आरोप लगाया कि इन मामलों को सेटल करने के लिए उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की गई थी.
न्याय के लिए लंबी लड़ाई
अतुल सुभाष की आत्महत्या ने सामाजिक और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस की जांच से सच्चाई का पता चलेगा, लेकिन यह घटना कई परिवारों के लिए सबक है कि तनाव और विवादों को कैसे संभालना चाहिए.