मुंबई, 23 मार्च : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के मामले में आरोपी संदिग्ध सटोरिये अनिल जयसिंघानी ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय का रुख करते हुए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया. जयसिंघानी ने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी को ‘‘गैर-कानूनी’’ करार दिया. जयसिंघानी ने दावा किया कि प्राथमिकी ‘‘गलत’’, ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ है.
संदिग्ध सटोरिये अनिल जयसिंघानी की बेटी अनिक्षा को अमृता फडणवीस को कथित रूप से एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने का प्रयास करने और उन्हें धमकी देने के आरोप में 16 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. वहीं मामले में आरोपी अनिल जयसिंघानी को 20 मार्च को गुजरात से गिरफ्तार किया गया. यह भी पढ़ें : SC On Halala: बहुविवाह व निकाह हलाला के खिलाफ सुनवाई के लिए नई बेंच गठित करेगा सुप्रीम कोर्ट
वकील मनन संघाई के माध्यम से दायर याचिका में अनिल जयसिंघानी ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी गैर-कानूनी थी क्योंकि कानून के प्रावधानों के अनुसार गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया था. याचिका में कहा गया कि मौजूदा मामले में याचिकाकर्ताओं को 36 घंटे बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जो सीआरपीसी के प्रावधानों और मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है.