रायपुर: छत्तीसगढ़ में पढ़ना-लिखना अभियान के प्रथम चरण में ढाई लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष पढ़ना-लिखना अभियान की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के निरक्षरों को स्वयंसेवी अनुदेशकों के माध्यम से साक्षर बनाया जाएगा। राज्य में प्रथम चरण में ढ़ाई लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है.
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टेकाम अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर मंगलवार को राज्य स्तरीय वेबिनार में शिक्षा और साक्षरता से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों, विशेषज्ञों, ‘ई-एजुकेटर’ और ‘ई-शिक्षार्थी’ तथा सीख-मित्रों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान सब घरों में रहकर कार्य कर रहे हैं, ऐसे समय में डिजिटल साक्षरता दूरदराज के क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवश्यक है.
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि साक्षरता से जुड़े अभियान और कार्यक्रम कोरोना वायरस संक्रमण कम होने के बाद शुरू किया जाएगा. आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए यह कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुरू होगा. इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में राज्य साक्षरता केन्द्र और ‘डाइट’ में जिला साक्षरता केन्द्र की स्थापना की जाएगी.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बुनियादी साक्षरता, बुनियादी शिक्षा, सतत शिक्षा, कौशल विकास, पुस्तकालय-वाचनालय, डिजिटल साक्षरता, जीवन पर्यन्त शिक्षा, मोबाइल वाचनालय तथा ई-लाईब्रेरी जैसे विषयों पर अधिक जोर दिया जाएगा.
टेकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा ‘‘गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम’’ 27 जिलों के 50 केन्द्रों में शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य नवसाक्षरों को डिजिटल साक्षर बनाना है. इस कार्यक्रम के तहत अब तक लगभग 10 हजार शिक्षार्थी डिजिटल साक्षर बने हैं.
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