नयी दिल्ली, दो जनवरी किसानों के मुद्दों को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच टकराव देखने को मिला। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की ‘आप’ सरकार पर किसानों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं देने का आरोप लगाया।
चौहान ने राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह आरोप लगाया है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह उपदेश देने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पंजाब में आमरण अनशन पर बैठे किसानों से बातचीत करने को कहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की हालत कभी इतनी खराब नहीं रही जितनी भाजपा शासन में है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार तीन निरस्त कृषि कानूनों को “नीति” बताकर “पिछले दरवाजे से” लागू करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि नयी "नीति" की प्रतियां सभी राज्यों को उनके विचार जानने के लिए भेजी गई हैं।
आतिशी को बुधवार को लिखे पत्र में चौहान ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार किसानों को केंद्रीय योजनाओं के लाभ से वंचित कर रही है और उनसे किसान कल्याण के मामलों में राजनीतिक मतभेदों को अलग रखने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और बीज ग्राम कार्यक्रम सहित प्रमुख केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में विफल रही है।
चौहान ने पत्र में कहा, “मैं यह पत्र दुख के साथ लिख रहा हूं। आपने कभी भी किसानों के हित में उचित निर्णय नहीं लिए। आपकी सरकार ने किसान हितैषी केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन बंद कर दिया है। आपकी सरकार किसानों के प्रति सहानुभूति नहीं रखती। आज दिल्ली में किसान परेशान और चिंतित हैं।”
उन्होंने कहा कि कई केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन न होने के कारण दिल्ली के किसानों को बीज वितरण से लेकर बुनियादी ढांचे के विकास तक के महत्वपूर्ण लाभों से वंचित किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन लागू नहीं होने के कारण किसान नर्सरी स्थापना, टिशू-कल्चर सुविधाओं, रोपण सामग्री की खरीद और कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
एक अलग वीडियो संदेश में उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार केंद्रीय कृषि योजनाओं को लागू करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने में विफल रही है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में किसानों तक लाभ पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
चौहान ने वीडियो संदेश में कहा, "केंद्र धनराशि के साथ तैयार है, लेकिन उसका आवंटन राज्य के प्रस्तावों पर निर्भर करता है। दुर्भाग्य से, दिल्ली सरकार ने कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे किसान योजना का लाभ लेने में असमर्थ हैं।"
उन्होंने दिल्ली सरकार से किसानों के कल्याण के लिए राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को अलग रखने का आग्रह किया तथा इस बात पर बल दिया कि कई योजनाएं केन्द्र और राज्यों के बीच 60:40 के वित्त पोषण अनुपात पर संचालित होती हैं।
चौहान के आरोपों का जवाब देते हुए आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि उसे उपदेश देने के बजाय प्रधानमंत्री से पंजाब में आमरण अनशन पर बैठे किसानों से बातचीत करने को कहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों की हालत कभी इतनी खराब नहीं रही जितनी भाजपा के शासन में है। आतिशी ने कहा, "भाजपा का किसानों के बारे में बात करना दाऊद इब्राहिम के अहिंसा पर उपदेश देने जैसा है।" उन्होंने भाजपा से किसानों पर राजनीति बंद करने को कहा।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। उस वक्त सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली कूच को रोक दिया था।
केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में प्रदर्शनकारी किसानों को अगर कुछ हुआ तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार होगी। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एक महीने से अधिक समय से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं और उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है।
‘आप’ के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने "कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे" के नव-घोषित मसौदे को 2020 में पारित तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से लागू करने का प्रयास करार दिया है। केंद्र ने किसानों के एक साल के विरोध के बाद कानूनों को निरस्त कर दिया था।
केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पंजाब में किसान आमरण अनशन पर हैं, लेकिन भाजपा अपने अहंकार के कारण उनसे बात नहीं कर रही है।
‘आप’ सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तीन साल पहले किसानों की मांगें मान ली थीं, लेकिन अब वह उनसे मुकर गई है। केजरीवाल ने पूछा, "भाजपा को इतना अहंकार क्यों है कि वह किसी से बात भी नहीं करती?"
उन्होंने कहा, "भगवान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों को सलामत रखें, लेकिन अगर उन्हें कुछ हुआ तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार होगी।"
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार की खिंचाई की और कहा कि उसके अधिकारी और कुछ किसान नेता, जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन अनशन को खत्म कराने के प्रयासों को लेकर मीडिया में गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)