देश की खबरें | हाथरस में गड्ढे में दबाये गये बंदरों का चिकित्सकों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम, जांच जारी

हाथरस, 22 नवंबर उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम में गेहूं को घुन से बचाने वाली दवा की चपेट में आकर करीब 100 बंदरों की मौत के बाद उन्हें गड्ढे में दबा दिया गया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

शुक्रवार को इन बंदरों को गड्ढे से निकालकर तीन चिकित्सकों के पैनल ने इनका पोस्टमार्टम कर विसरा (नमूने) सुरक्षित कर लिए हैं।

पुलिस क्षेत्राधिकारी योगेंद्र कृष्ण नारायण ने शुक्रवार को बताया कि बंदरों के मरने की पुलिस प्रशासन को 20 नवंबर को जानकारी हुई है। पुलिस ने भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में सात नवंबर को गेहूं को घुन लगने से बचाने के लिए एल्युमिनियम फॉस्फाइड लगाया गया था और गोदाम को बंद कर दिया गया था।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एल्युमिनियम फॉस्फाइड से जहरीली गैस निकलती है। भारतीय खाद्य निगम के गोदाम की एक खिड़की थोड़ी टूटी हुई है। इस टूटी खिड़की से सात नवंबर की रात को बंदरों का झुंड गोदाम में घुस गया और जहरीली गैस की चपेट में आ गया।

पुलिस के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम के संविदा पर तैनात सफाई कर्मचारियों ने नौ नवंबर को जब गोदाम को खोला तो उन्हें बाहर की जाली से अंदर बंदर मरे पड़े दिखे। उन्होंने इस बात की जानकारी एफसीआई के उच्चाधिकारियों को नहीं दी बल्कि अपने स्तर पर ही गोदाम परिसर में एक गड्ढा खुदवा कर सभी बंदरों को उसमें दफन कर दिया।

पुलिस क्षेत्राधिकारी नारायण ने बताया कि बंदरों को इस तरह से दफनाये जाने की जानकारी विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को लगी। उन्होंने 20 नवंबर को इस बाबत पुलिस को जानकारी दी। तुरंत ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

उन्होंने बताया कि जब गड्ढे के आसपास की जांच की और कर्मचारियों से पूछताछ की गयी। तो करीब 100 बंदरों के दफनाये जाने की बात सामने आयी।

पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि 20 नवंबर को इस मामले में एफसीआई के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर आज शुक्रवार को मजिस्ट्रेट की देख रेख में तीन पशु चिकित्सकों के पैनल ने गड्ढे से बंदरों के शव निकाल कर उनका पोस्टमार्टम किया।

नारायण ने बताया कि चूंकि बंदरों को दफनाये हुये करीब 15 दिन हो गये थे, इसलिये उनके शव सड़ गल गये थे। लेकिन उनका पोस्टमार्टम कर विसरा सुरक्षित रख लिया गया है।

पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)