वृंदावन के कथावाचक के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा; महिला आयोग ने भी लिया संज्ञान
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मथुरा (उत्तर प्रदेश), 19 अक्तूबर: मथुरा जिले में वृन्दावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर हिन्दू देवियों के खिलाफ वक्तव्य देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक डी. एस. चौहान को नाटिस जारी करके इस मामले में महिलाओं के अपमान के आरोप में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये हैं. UP: शराब के लिये पैसे नहीं देने पर युवक ने की मां की हत्या, हमले में आरोपी की पत्नी भी हुई घायल.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है उक्त कथावाचक वृन्दावन में भागवत कथा के दौरान माता सीता और द्रौपदी सहित महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं.

अनिरुद्धाचार्य की इस कथा का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अनेक संगठनों और लोगों ने इसपर आपत्ति जताते हुए पुलिस से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी.

इस संबंध में मंगलवार देर रात वृंदावन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. कोतवाली के निरीक्षक सूरज प्रकाश शर्मा ने बताया, ‘‘अनिरुद्धाचार्य नाम के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपने संबोधन में द्रौपदी और देवी सीता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वृंदावन में भाजपा के सदस्य पवन शर्मा और अखिल भारत हिंदू महासभा के कुछ सदस्यों की शिकायत पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है.’’

पुलिस अधीक्षक नगर मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि मामले की जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक चौहान को नाटिस जारी किया है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने नोटिस में कहा है कि पुलिस इस मामले में आरोपी कथावाचक के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 509 (किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहना) के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे 'प्राथमिकता' के आधार पर गिरफ्तार करे.

वहीं, आरोपी कथावाचक ने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया है. एक बयान में अनिरुद्धाचार्य ने कहा है, ‘‘मैंने जो कहा उसके लिए मुझे बेहद खेद है. मेरा इरादा देवी के प्रति अनादर का नहीं था और न ही लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का था.’’

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