नयी दिल्ली, 15 जुलाई: अचल सम्पत्ति बाजार अनुसंधान एवं परामर्श कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद इस साल जनवरी से जून के बीच आठ शहरों में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 67 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 99,416 इकाई हो गई। इनमें से मुंबई और पुणे में सबसे ज्यादा फ्लैट बिके. नाइट फ्रैंक इंडिया ने गुरुवार को एक वेबिनार में आठ शहरों - मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद के लिए अपनी रिपोर्ट "इंडिया रियल एस्टेट - रेजिडेंशियल, जनवरी-जून 2021" जारी की. रिपोर्ट के अनुसार, आठ बाजारों में 2021 कैलेंडर वर्ष (एच1 2021) की पहली छमाही में 99,416 आवासीय इकाइयां बेची गयीं, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह संख्या 59,538 थी. नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने पूरे कैलेंडर वर्ष के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर कहा, "हमें उम्मीद है कि हम घरों की बिक्री के लिहाज से इस साल, 2020 से बेहतर प्रदर्शन करेंगे." संपत्ति की स्थिर कीमतों और होम लोन पर ऐतिहासिक रूप से कम ब्याज दरों के साथ, उन्होंने इस साल की दूसरी छमाही के दौरान बिक्री की गति जारी रहने की उम्मीद जतायी.
नाइट फ्रैंक से पहले, तीन और रियल एस्टेट सलाहकार कंपनियों - एनारॉक, प्रॉपटाइगर और जेएलएल इंडिया ने जनवरी-जून 2021 के लिए घरों के बाजारों पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. एनारॉक के अनुसार, जनवरी-जून 2021 के दौरान सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 43 प्रतिशत बढ़कर 82,860 इकाई हो गई. जेएलएल इंडिया ने बताया कि सात शहरों में 45,218 आवासीय इकाइयों की बिक्री के साथ 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. हालांकि, इसके विपरीत, प्रॉपटाइगर ने हाल ही में बताया कि शीर्ष आठ शहरों में बिक्री इसी अवधि के दौरान 88,593 इकाइयों से सात प्रतिशत गिरकर 82,144 इकाई हो गई. नाइट फ्रैंक के अनुसार इस दौरान नयी आवास इकाइयों की पेशकश 60,489 इकाइयों से 71 प्रतिशत बढ़ कर 1,03,238 इकाई रही.
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रियल एस्टेट विकास करने वाली कंपनियों के संगठन नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने इन आंकडों पर कहा कि कोविड19 की रोकथाम के लिए लागू पाबंदियों को सावधानी के साथ हटाने तथा टीकाकरण तेज होने से जून में मकानों की मांग और बिक्री बढ़ी है. उन्होंने कहा ‘आवास बाजार का भविष्य उत्साहजनक है.’’ घरों की कीमतें ज्यादातर सालाना आधार पर 1-2 फीसदी की कमी के साथ ज्यादा स्थिर रहीं. न बिने वाले घरों की संख्या 4,46,787 इकाई से एक फीसदी गिरकर 4,41,742 इकाई हो गयी. बैजल ने कहा, "धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों की बहाली, और टीके की बढ़ती उपलब्धता ने 2020 की दूसरी छमाही में बाजार में तेजी ला दी थी और यह गति 2021 की पहली तिमाही में बनी रही."
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने इस गति को रोक दिया था. हालांकि, बैजल ने कहा कि इसे "स्पीड ब्रेकर" के रूप में देखा जाना चाहिए क्योंकि जनवरी-जून 2021 की अवधि में बाजार की मात्रा में सालाना वृद्धि अर्ध-वार्षिक और त्रैमासिक आधार पर मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा, "सीमित अवधि के लिए स्टांप शुल्क में कटौती, जिसने मुंबई और पुणे में घर की बिक्री में वृद्धि की, आवासीय बाजार में नयी जान डालने के लिए नीति-स्तर के हस्तक्षेप की जरूरत को अच्छे से प्रदर्शित करती है." महाराष्ट्र में स्टांप शुल्क में कटौती की जबरदस्त सफलता को देखते हुए बैजल ने कहा कि अन्य राज्यों को जरूरी समय पर इसी तरह की मांग पर विचार करना चाहिए.
आंकड़े के मुताबिक मुंबई में इस साल जनवरी-जून के दौरान 53 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 28,607 घरों की बिक्री हुई जबकि पुणे में यह क्रमश: 74 प्रतिशत और 17,474 था. वहीं दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इस अवधि में 111 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 11,474 घर बिके.
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