इंदौर (मध्यप्रदेश), दो दिसंबर भारत ने सोमवार को बड़ा मुकाम हासिल किया, जब इंदौर में परमाणु ऊर्जा विभाग के एक प्रमुख संस्थान की विकसित इलेक्ट्रॉन बीम (ई-बीम) विकिरण तकनीक के जरिये 50 लाखवें चिकित्सा उपकरण को जीवाणुमुक्त किया गया।
विभाग के राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर-कैट) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि इस उपलब्धि ने भारत को विकिरण की अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने वाले देशों की चुनिंदा जमात में शामिल कर दिया है।
उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती शहर की चोइथराम मंडी से सटी ई-बीम विकिरण प्रसंस्करण इकाई में इस उपलब्धि के गवाह बने। इस पल की याद को चिरस्थायी बनाने के लिए आरआर-कैट के निदेशक यूडी मालशे ने मोहंती को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अधिकारी ने बताया कि इस इकाई में चिकित्सा उपकरणों को जीवाणुमुक्त करने की सुविधा अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी और इसमें अब तक अलग-अलग कंपनियों के 50 लाख चिकित्सा उपकरणों को जीवाणुमुक्त किया जा चुका है।
अधिकारी ने बताया कि आरआर-कैट के इन्क्यूबेशन केंद्र ‘‘एआईसी पाई हब’’ के जरिये वाणिज्यिक तौर पर संचालित इस इकाई में भारतीय उद्योगों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर ई-बीम विकिरण सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि इकाई में ई-बीम विकिरण तकनीक के जरिये फसलों की किस्मों में सुधार, रत्नों के रंगों में बदलाव और अन्य काम भी किए जाते हैं।
अधिकारी ने बताया कि पर्यावरण हितैषी ई-बीम तकनीक अपनी प्रभावी और सुरक्षित प्रकृति के कारण वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रही है।
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