लखनऊ, दो दिसंबर केंद्र सरकार की मदद और उत्तर प्रदेश सरकार की पहल से दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का एक अनुसंधान केंद्र आगरा में खुलेगा। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गयी।
बयान के अनुसार करीब 10 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाले इस केंद्र के निर्माण में लगभग 120 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बयान में यह दावा किया गया है कि यह प्रयास आलू प्रदेश के आलू उत्पादक क्षेत्र के किसानों के लिए खुशहाली लाएगा।
केंद्र सरकार ने बतौर प्रायोगिक परियोजना जिन सब्जियों और फलों को समुद्र के रास्ते निर्यात करने की योजना बनाई है, उनमें आलू भी शामिल है।
बयान के मुताबिक चूंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। यहां कन्नौज, फर्रुखाबाद समेत कई जिलों में आलू की दोहरी फसल ली जाती है। ऐसे में इस परियोजना का सर्वाधिक लाभ भी उत्तर प्रदेश के आलू की बुआई करने वाले किसानों को मिलेगा।
बयान में कहा गया कि सीआईपी आगरा की स्थापना से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे आलू उत्पादक राज्यों के साथ-साथ दक्षिण एशिया के देशों को फायदा होगा। इस केंद्र से किसानों को बेहतर गुणवत्ता के आलू के बीज मिल सकेंगे।
बयान में यह भी कहा गया कि आलू के उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश का देश में पहला स्थान है। हालांकि, दूसरे स्थान पर आने वाला पश्चिमी बंगाल प्रति हेक्टेयर उत्पादन के मामले में अग्रणी है। पश्चिमी बंगाल में आलू का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 29.9 मीट्रिक टन है। वहीं उत्तर प्रदेश में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 25.48 मीट्रिक टन है। उत्तर प्रदेश में भी आलू का प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाना संभव है।
बयान में कहा गया कि आलू से जुड़ा अनुसंधान केंद्र खुलने पर यह काम आसान हो जाएगा। आलू की सामान्य तौर पर खेती उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में होती है लेकिन व्यावसायिक स्तर पर इसकी खेती कन्नौज, फर्रुखाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा,अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, बरेली, लखनऊ और बाराबंकी में होती है।
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